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This Article is From Oct 16, 2016

हथियारों और विस्फोटकों के साथ नोएडा और चंदौली से 10 संदिग्ध नक्सली गिरफ्तार

हथियारों और विस्फोटकों के साथ नोएडा और चंदौली से 10 संदिग्ध नक्सली गिरफ्तार
हिंडन अपार्टमेंट से नक्सली गिरफ्तार...
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी टेरटिस्ट स्क्वाड ने नोएडा और चंदौली में छापेमारी कर 10 संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं. अपराध के जरिए फंड जुटाने के बाद इनकी योजना दिल्ली और एनसीआर में बड़े हमले करने की थी.

नोएडा के सेक्टर 49 के हिंडन अपार्टमेंट से एक अलर्ट नागरिक की सूचना पर शनिवार रात यूपी एटीएस की टीमों ने छापा मारकर नौ संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ़्तार किया. इनके पास भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद हुए. पकड़े गये लोगों की निशानदेही पर यूपी के चंदौली में भी एक संदिग्ध नक्सली पकड़ा गया. यूपी एटीएस का दावा है कि ये सभी पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के नक्सली हैं जो दिल्ली एनसीआर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फ़िराक़ में थे.
 

एटीएस के आईजी असीम अरुण के मुताबिक ये लोग दिल्ली एनसीआर में एटीएम और बैंक लूटने के अलावा कुछ अपहरण करने की फिराक में थे क्योंकि इन्हें लग रहा था कि पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौजूद संशाधनों से इनकी गतिविधियां ठीक तरह से संचालित नहीं हो पा रहीं हैं.    

जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें चंदौली का रंजीत पासवान और सुनील रविदास, बिहार का कृष्ण कुमार, पवन कुमार, सुनील कुमार यादव और शैलेंद्र कुमार हैं. इसके अलावा ग्रेटर नोएडा का सचिन कुमार, बुलंदशहर का सूरज, अलीगढ़ के आशीष सारस्वत और ब्रज किशोर हैं.

पुलिस के मुताबिक हिंडन अपार्टमेंट से गिरफ़्तार रंजीत पासवान बिहार के सासाराम में पीपुल्स वॉर ग्रुप का एरिया कमांडर है और वो 9 साल की सजा भी काट चुका है. रंजीत बम बनाने में भी माहिर है. वहीं चंदौली से गिरफ्तार सुनील रविदास भी कुख्यात नक्सली है जो फिलहाल इस नये ग्रुप का सरगना है.
इनके पास से जो हथियार बरामद हुए हैं उनमें 45 जिलेटिन छड़ें, 125 डेटोनेटर, 7 पिस्तौल, 3 राइफलें, और 600 से ज़्यादा कारतूस हैं.

पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में इनका किसी आतंकी संगठन से कनेक्शन सामने नहीं आया है. लेकिन जैसे हथियार और विस्फोटक मिले हैं उससे ऐसा लगता है कि ये लोग दिल्ली एनसीआर में बड़ा हमला करने की फिराक में थे. रंजीत पासवान अपने साथियों के साथ हिंडन अपार्टमेंट में पिछले 11 महीने से रह रहा था. उसने सभी का पहचान पत्र भी फ़र्ज़ी दिया था. नोएडा में दो फ़्लैट और एक दुकान उसने किराए पर ली हुई थी. पड़ोसियों को उसकी गतिविधियों की भनक तक नहीं थी.

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