वित्तमंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संसद में कहा कि करीब एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों की बढ़ी हुई सैलरी देने के लिए उन्हें और पैसा चाहिए।
जेटली ने कहा कि सातवें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद 2016-17 में वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए सरकार को ज्यादा पैसे की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के सामने वित्तीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.5 प्रतिशत रखने की चुनौती है। बताया जा रहा है कि सरकार पूरी तरह से आश्वस्त है कि वह वित्तीय घाटे को 2017-18 में 3 प्रतिशत तक रखने में कामयाब होगी। यह बात वित्तमंत्रालय ने संसद में पेश की गई मिड टर्म एक्सपेंडिचर रिपोर्ट में कही है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि वेतन में बढ़ोतरी की वजह से उपभोक्ता मांग बढ़ेगी और इससे महंगाई बढ़ने का दबाव होगा और यह भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर के लिए एक चुनौती होगी कि वह कैसे महंगाई को नियंत्रित रखने के काम को पूरा करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाल ही में मुद्रास्फीति दर को चार प्रतिशत के लक्ष्य स्वीकार किया है। इसमें दो प्रतिशत ऊपर-नीचे जाने की संभावना है। आरबीआई गवर्नर के पद से रिटायर होने वाले रघुराम राजन के साथ हुई वार्ता में अगले पांच सालों के लिए इसी लक्ष्य पर सहमति बनी है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में वेतन और पेंशन के मद में हुई बढ़ोतरी के चलते सरकार का खर्चा करीब 10 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। यह करीब 2,58,000 करोड़ रुपये होगा।
जेटली ने कहा कि सातवें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद 2016-17 में वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए सरकार को ज्यादा पैसे की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के सामने वित्तीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.5 प्रतिशत रखने की चुनौती है। बताया जा रहा है कि सरकार पूरी तरह से आश्वस्त है कि वह वित्तीय घाटे को 2017-18 में 3 प्रतिशत तक रखने में कामयाब होगी। यह बात वित्तमंत्रालय ने संसद में पेश की गई मिड टर्म एक्सपेंडिचर रिपोर्ट में कही है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि वेतन में बढ़ोतरी की वजह से उपभोक्ता मांग बढ़ेगी और इससे महंगाई बढ़ने का दबाव होगा और यह भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर के लिए एक चुनौती होगी कि वह कैसे महंगाई को नियंत्रित रखने के काम को पूरा करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाल ही में मुद्रास्फीति दर को चार प्रतिशत के लक्ष्य स्वीकार किया है। इसमें दो प्रतिशत ऊपर-नीचे जाने की संभावना है। आरबीआई गवर्नर के पद से रिटायर होने वाले रघुराम राजन के साथ हुई वार्ता में अगले पांच सालों के लिए इसी लक्ष्य पर सहमति बनी है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में वेतन और पेंशन के मद में हुई बढ़ोतरी के चलते सरकार का खर्चा करीब 10 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। यह करीब 2,58,000 करोड़ रुपये होगा।
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