दलित युवकों की निर्मम पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद आक्रोश फैल गया (फाइल फोटो)
अहमदाबाद/राजकोट:
उना कस्बे में दलित समुदाय के युवकों की बेरहमी से पिटाई किए जाने की घटना के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सात और युवकों ने बुधवार को आत्महत्या करने की कोशिश की, जिससे राज्य में स्थिति और बिगड़ गई। साथ ही, समूचे राज्य में कई जगहों से हिंसा और आगजनी की खबरें मिली हैं।
राजकोट, पोरबंदर, बोतड और गिर-सोमनाथ जिलों में आत्महत्या की कोशिश की घटनाएं सामने आई हैं। ताजा घटनाओं के साथ गत 11 जुलाई को कथित गोवध के लिए तथाकथित गोरक्षा दल द्वारा कुछ युवकों की पिटाई के बाद से आत्महत्या की कोशिश करने वाले दलितों की संख्या बढ़कर 17 हो गई। दलितों ने गोवध से इनकार किया था और कहा था कि उन्होंने केवल एक मृत गाय की चमड़ी निकाली थी।
राजकोट जिले के धोराजी शहर में बुधवार को तीन दलित युवकों ने कोई जहरीला पेय पी लिया, जिसके बाद उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया। तीनों की पहचान योगेश सोलंकी, विनोद सोलंकी और हितू चौहान के रूप में हुई है। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें जूनागढ़ के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
इसी जिले के गोंडल नगर में मुकेश चावड़ा नाम के एक व्यक्ति ने भी जहर खा लिया, जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं पोरबंदर जिले के बंतवा नगर में महेश राठौड़ नाम के एक व्यक्ति ने कथित रूप से जहर खा लिया, जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके अलावा उना में राजू परमार नाम के एक व्यक्ति ने जहर का सेवन कर अपनी जान देने की कोशिश की। जबकि बोतड़ नगर में परेश राठौड़ नाम के एक दलित प्रदर्शनकारी ने आत्मदाह की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।
पिछले दो दिनों में विरोध दर्ज कराने के लिए विभिन्न जगहों पर 17 दलित युवकों ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। इस बीच मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गिर-सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समधीयाला गांव में पीड़ितों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनसे हरसंभव मदद करने का वादा किया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने परिवार से कहा कि उनकी सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और उनमें से 16 पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं राहुल और केजरीवाल के निर्धारित दौरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने संवाददताओं से कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राजकोट, पोरबंदर, बोतड और गिर-सोमनाथ जिलों में आत्महत्या की कोशिश की घटनाएं सामने आई हैं। ताजा घटनाओं के साथ गत 11 जुलाई को कथित गोवध के लिए तथाकथित गोरक्षा दल द्वारा कुछ युवकों की पिटाई के बाद से आत्महत्या की कोशिश करने वाले दलितों की संख्या बढ़कर 17 हो गई। दलितों ने गोवध से इनकार किया था और कहा था कि उन्होंने केवल एक मृत गाय की चमड़ी निकाली थी।
राजकोट जिले के धोराजी शहर में बुधवार को तीन दलित युवकों ने कोई जहरीला पेय पी लिया, जिसके बाद उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया। तीनों की पहचान योगेश सोलंकी, विनोद सोलंकी और हितू चौहान के रूप में हुई है। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें जूनागढ़ के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
इसी जिले के गोंडल नगर में मुकेश चावड़ा नाम के एक व्यक्ति ने भी जहर खा लिया, जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं पोरबंदर जिले के बंतवा नगर में महेश राठौड़ नाम के एक व्यक्ति ने कथित रूप से जहर खा लिया, जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके अलावा उना में राजू परमार नाम के एक व्यक्ति ने जहर का सेवन कर अपनी जान देने की कोशिश की। जबकि बोतड़ नगर में परेश राठौड़ नाम के एक दलित प्रदर्शनकारी ने आत्मदाह की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।
पिछले दो दिनों में विरोध दर्ज कराने के लिए विभिन्न जगहों पर 17 दलित युवकों ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। इस बीच मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गिर-सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समधीयाला गांव में पीड़ितों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनसे हरसंभव मदद करने का वादा किया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने परिवार से कहा कि उनकी सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और उनमें से 16 पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं राहुल और केजरीवाल के निर्धारित दौरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने संवाददताओं से कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
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