कश्मीर के जिन 67 छात्रों को मेरठ के जिस विश्वविद्याल से निष्कासित कर दिया गया था, अब उन्हें वापस पढ़ाई पूरी करने के लिए वापल कॉलेज में लाया जा रहा है। इन छात्रों को एशिया कप के भारत और पाकिस्तान मैच के दौरान पाकिस्तान के पक्ष में कथित रूप से नारा लगाने के आरोप में कॉलेज से निकाला गया था।
यूपी सरकार ने इन कश्मीर के छात्रों को यह भी आश्वासन दिया है कि जब वे वापस कॉलेज आएंगे तब उन्हें किसी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। वहीं, मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति को कश्मीर में घूमने के लिए आमंत्रित किया गया है।
गौरतलब है कि इन छात्रों को स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से कथित रूप से पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए निकाला गया था। तब कुलपति ने इस व्यवहार को अस्वीकार्य बताया था।
पुलिस ने इन छात्रों पर सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने का आरोप लगाया था और देशद्रोह के आरोप तक लगाने की धमकी दी थी। बात में यूपी सरकार के दखल के बाद इन लोगों से यह आरोप हटाए गए थे। मेरठ पुलिस के प्रमुख ओमकार सिंह ने कहा कि छात्रों पर लगे आरोपों के सबूत नहीं मिले हैं।
वहीं, इस घटना की प्रतिक्रिया में कश्मीर में तमाम लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने देशद्रोह के आरोप लगाने को बहुत ही कड़ा कदम बताया था।
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के दौरान छात्रों के दो गुटों में काफी तनाव हो गया था। कहा जा रहा है कि एक हॉस्टल के छात्र भारत के पक्ष में नारे लगा रहे थे, वहीं कश्मीर के कुछ छात्र पाकिस्तान के समर्थन में...
एक कश्मीरी छात्र गुलजार अहमद का कहना है कि जैसे ही मैच खत्म हुआ, तमाम छात्रों ने कश्मीरी छात्रों पर हमला किया। कश्मीरी छात्रों के कमरों में पत्थर फेंके गए, उनके लैपटॉप तोड़ दिए गए। घटना के अलगे दिन कई कश्मीरी छात्रों ने कैंपस में विरोध करने का प्रयास किया, विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें रोक दिया और निलंबित करने के साथ घर जाने को कह दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भी इन छात्रोंको अपने यहां विश्वविद्यालय में जगह देने की बात कही थी।
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