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This Article is From Feb 02, 2022

दिल्ली में एक ट्रक से 40 लाख रुपये की कीमत का 610 किलो गांजा जब्त, एक तस्कर गिरफ्तार

क में कुल 610 किलो गांजा मिला. गांजे के अलग अलग बैग ट्रक के अंदर बनाई गई एक जगह के अंदर छिपाया गया था. जगह को विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन की गई थी.

दिल्ली में एक ट्रक से 40 लाख रुपये की कीमत का 610 किलो गांजा जब्त, एक तस्कर गिरफ्तार
1 फरवरी को आरोपी को कोर्ट में पेश कर 8 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया.
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ट्रक से 610 किलो गांजा बरामद किया है. ये गांजा 40 लाख का बताया जा रहा है. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर धीरज कुमार के मुताबिक 31 जनवरी को एक सूचना मिली कि गांजे की एक बड़ी खेप एक ट्रक में लायी जा रही है. यह खेप आधी रात तक दिल्ली पहुंचने वाली थी. एक जाल बिछाया गया और 1 फरवरी को लगभग 11:30 बजे ट्रक मुखर्जी नगर में रोका गया. ट्रक में कुल 610 किलो गांजा मिला. गांजे के अलग अलग बैग ट्रक के अंदर बनाई गई एक जगह के अंदर छिपाया गया था. जगह को विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन की गई थी. इस मामले में ट्रक ड्राइवर जसबीर को गिरफ्तार कर लिया गया.

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पूछताछ में जसबीर ने खुलासा किया कि वह 2004 में अपने गांव में एक नाई की दुकान में काम करता था. बाद में उसने मोटर ड्राइविंग सीखी और पानीपत में शराब ठेकेदारों के लिए पिकअप वैन चलाना शुरू कर दिया. 2005 में मोटरसाइकिल चोरी के एक मामले में वो पानीपत में जेल गया. जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से नाई का काम करने लगा. 2010 में उसे पानीपत में एक घर डकैती के मामले में गिरफ्तार किया गया था. जेल से बाहर आने के बाद उसने एक शराब तस्कर के साथ काम करना शुरू कर दिया. उसे हरियाणा पुलिस ने 2018 से 2021 के बीच तीन बार शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था.

2021 में उसकी मुलाकात पानीपत निवासी संदीप से हुई. फिर उन्होंने मानेसर निवासी नीरज पांडे से हाथ मिलाया. नीरज के पास कई ट्रक हैं. दोनों ने मिलकर आंध्र प्रदेश और ओडिशा से 'गांजा' की तस्करी शुरू कर दी. उन्होंने 2021 से कई बार आंध्र प्रदेश और ओडिशा से गांजा खरीदा और बेचा है. इस बार सोनू नाम का उनका एक ड्राइवर 4 जनवरी को पहले ही ट्रक लेकर विशाखापत्तनम पहुंच गया था. 7 जनवरी को संदीप और जसबीर ट्रक पर सवार होकर ओडिशा की ओर निकले. रास्ते में संदीप ने जसबीर को झारखंड छोड़ दिया और गाड़ी से उड़ीसा चला गया. झारखंड से जसबीर 10 जनवरी को बस से अकेले विशाखापत्तनम पहुंचा. उसने विशाखापत्तनम के एक होटल में कमरा लिया. उसी दिन दोपहर में नीरज पांडे उससे विशाखापत्तनम के होटल में मिला. वे अपने 'स्थानीय संपर्क' से मिले जिन्होंने उन्हें बताया कि किसी कारण से, उनकी खेप तैयार नहीं थी और इसमें कुछ और समय लगेगा. जसबीर और नीरज विशाखापत्तनम में कारोबार संभालने के लिए सोनू को छोड़कर 12 जनवरी को नीरज की स्विफ्ट कार से पानीपत लौट आए.

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21 जनवरी को जसबीर और संदीप को पता चला कि उनकी गांजा की खेप तैयार है. जसबीर 23 जनवरी को फ्लाइट से विशाखापत्तनम पहुंचा, जहां सोनू उसका इंतजार कर रहा था. वो ट्रक में सवार होकर विशाखापत्तनम के बाहरी इलाके में गए. एक  शख्स 610 किलो गांजा से लदे ट्रक के साथ आया. सोनू विशाखापत्तनम में रुक गया, जबकि जसबीर ट्रक लेकर दिल्ली आ गया. जसबीर का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है और वह नशीले पदार्थों की तस्करी, डकैती और वाहन चोरी सहित कई मामलों में शामिल था. 1 फरवरी को जसबीर को कोर्ट में पेश कर 8 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया. पानीपत में नीरज पांडे, संदीप व अन्य की तलाश की जा रही है.

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