दिल्ली में 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट की भर्ती की जाएगी, कोरोना से निपटने के लिए सीएम केजरीवाल का ऐलान

Delhi Health Assistant News : केजरीवाल के मुताबिक,17 जून से एप्लिकेशन लेनी शुरू की जाएगी.इसके लिए 12वी क्लास में पास होना जरूरी होगा, 18 साल से अधिक उम्र हो. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में मैन पावर तैयार करने में आसानी होगी.

दिल्ली में 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट की भर्ती की जाएगी, कोरोना से निपटने के लिए सीएम केजरीवाल का ऐलान

Arvind Kejriwal ने कहा, Health Assistant को दैनिक आधार पर वेतन दिया जाएगा

नई दिल्ली:

Delhi Health Assistant Job : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने बुधवार को डिजिटल प्रेस कान्फ्रेंस में ये बात कही. केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) और स्टोरेज की तैयारी अस्पताल में की जा रही है. कोरोना के घटते मामलों के बीच मेडिकल स्टॉफ (Medical Staff) की कमी को ध्यान में रखते हुए 5000 हेल्थ असिस्टेंट  (Delhi 5000 Health Assistant Job) तैयार करने का प्लान बनाया गया है. उन्होंने कहा कि 5000 युवाओं को 2 हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी. दिल्ली के 9 बड़े मेडिकल इंस्टीट्यूट में बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी.ये युवा डॉक्टर और नर्स के निर्देश पर काम करेंगे. होम केयर या फर्स्ट एड में इनकी मदद ली जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि टीका लगाने, ब्लड प्रेशर जांचने, डायपर बदलने का काम करना, सैंपलिंग जैसे काम ये 5000 ट्रेनी कर सकेंगे. जितने दिन काम करेंगे, उतने दिन की सैलरी मिलेगी. केजरीवाल के मुताबिक,17 जून से एप्लिकेशन लेनी शुरू की जाएगी.इसके लिए 12वी क्लास में पास होना जरूरी होगा, 18 साल से अधिक उम्र हो. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में मैन पावर तैयार करने में आसानी होगी.

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केजरीवाल ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान मेडिकल और पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी महसूस की गई. लिहाजा 5000 हेल्थ असिस्टेंट नियुक्त करने का प्लान तैयार किया गया है. इन 5 हजार युवाओं को दो हफ्ते कक आईपी यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन स्वास्थ्य सहायकों को नर्सिंग, पैरामेडिक्स और जीवनरक्षक और होम केयर जैसी सेवाओं का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा. 

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गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है. दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में बेहिसाब कोरोना मरीजों के बीच ऑक्सीजन का संकट पैदा हो गया था. दिल्ली मे ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ स्टोरेज की समस्या भी थी. ऐसे में तमाम मरीजों की मौत हो गई.