
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि लखनऊ, मेरठ, संभल, रामपुर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, कानपुर, मऊ और बुलंदशहर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले 498 लोगों की पहचान कर ली गई है. ये घटनाएं हाल ही में हुई नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हुई थीं. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों से ही इसकी पेनाल्टी से वसूली जाएगी. यूपी पुलिस ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर जुर्माना लगाकर उन्हें वसूली नोटिस भेज रही है. जुर्माना नहीं चुकाने पर सम्पत्ति को कुर्क करने की बात हो रही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 19 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों को सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से चिन्हित किया है और इसी के आधार पर उन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. वहीं लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में पकड़े गए आधा दर्जन से ज्यादा लोगों का पश्चिम बंगाल से कनेक्शन है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, लखनऊ में हिंसा के दौरान इन्हें बंगाल से बुलाया गया था.
Information & Communication Department of UP: 498 people have been identified in connection with the damage caused to public property during recent protests in Lucknow, Meerut, Sambhal, Rampur, Muzaffarnagar, Ferozabad, Kanpur Nagar, Mau and Bulandshahar. #CAA pic.twitter.com/Mo5SyOUKXq
— ANI UP (@ANINewsUP) December 27, 2019
जुमे की नमाज के चलते सुरक्षा कड़ी
शुक्रवार यानी कल जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है और शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है. राज्य के आठ जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है. अभी तक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, बुलंदशहर, मुज़फ्फरनगर, आगरा, फिरोजाबाद, संभल, अलीगढ़ और गाजियाबाद में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं. हालांकि अब तक लखनऊ में इंटरनेट सेवाओं पर रोक नहीं लगाई गई है, जहां बीते हफ्ते पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई थीं.
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