भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) अकादमी मसूरी में पासिंग आउट परेड का सोमवार कोआयोजन किया गया. इसमें 11 वें सहायक सेनानी एलडीसी कोर्स के कुल 45 प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण पूरा कर के बल की मुख्यधारा में कदम रखा. इन 45 नये अधिकारियों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं. इन अधिकारियों को छह महीने से भी ज्यादा समय तक प्रशिक्षण की कई विधाओं में पारंगत बनाया गया है. आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल ने परेड की सलामी ली और नये अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्हें देश में आइटीबीपी के सुरक्षा दायित्व के लिए तैयार होने और देश सेवा में पहला कदम रखने के लिए इन्हें शुभकामनाएं दीं.
इस मौके पर मसूरी प्रशासन और स्थानीय जन सामान्य के अलावा इन अधिकारियों के परिजन भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे .
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आइटीबीपी अकादमी में बल के नए भर्ती हुए अधिकारियों को आधार और विशेष प्रशिक्षण देकर भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जाता है . अकादमी के निदेशक श्री पी एस पापटा आईजी ने इस मौके पर डीजी आइटीबीपी का स्वागत करते हुए कहा कि आईटीबीपी अकादमी ने पिछले लगभग 40 वर्षों में हज़ारों अधिकारी प्रशिक्षित किये हैं और यह यहां के प्रशिक्षण के कठिन परिश्रम का ही फल है कि बल कठिन से कठिन धरातलीय परिस्थितियों और मौसमी प्रतिकूलताओं के बावजूद सुदृढ़ता के साथ देश की विषम हिमालय सीमाओं और अन्य आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी में विशेष तौर पर खरा उतरा है.
बता दें 1962 में स्थापना के बाद से आइटीबीपी मूलतः भारत चीन सीमा की सरहदों की चौकसी में तैनात है.
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