बिहार में शराब पीने से कथित मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पिछले तीन दिनों में तीस से अधिक लोगों की रहस्यमय स्थिति में मौत हुई है. जिसमें कई मृतकों के परिवार वालों ने स्वीकार किया कि उनकी हालत शराब पीने के बाद बिगड़ी, लेकिन राज्य पुलिस का कहना है कि अधिकांश मामलों में मौत बीमारी से हुई है. आंख की रोशनी जाने के बाद बिहार के भागलपुर में इलाज कर रहे अभिषेक ने भी माना है कि ना केवल उनके दोस्त मिथुन यादव की मौत हुई, बल्कि ज़हरीली शराब पीने के कारण उनकी भी हालत खराब हुई है.
भागलपुर में ही 17 लोगों की मौत संदिग्ध अवस्था में पिछले दो दिनो में हुई है. यहां रहने वाली दुर्गा देवी ने भी अपना भाई खोया है. उनका कहना है कि उनके भाई की भी मौत हो गई, जबकि सब कुछ सामान्य था. वहीं बिहार के बांका, जहां 12 और मधेपुरा जहां तीन लोगों की मौत हुई, वहां स्थानीय अधिकारियों ने जांच के आधार पर दावा किया कि मौत का कारण कुछ और है.
उधर, इसको लेकर राजद प्रमुख और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, "डबल इंजन सरकार के प्रयास से शराबबंदी वाले बिहार में विगत दो दिन में जहरीली शराब के कारण 37 लोग और मारे गए. विगत छः महीनों में 200 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री, सरकार व प्रशासन भ्रष्ट और विफल है. किसी अधिकारी पर कभी कोई कारवाई नहीं हुई? ये बस ड्रोन/हेलिकॉप्टर उड़ायेंगे."
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