दिल्ली पुलिस के 23 कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल सम्मान

राष्ट्र की सेवा में योगदान के लिए एनआईए के एक अधिकारी को भी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक जबकि एजेंसी के दो अन्य अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया है.

दिल्ली पुलिस के 23 कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल सम्मान

75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली पुलिस के 23 कर्मियों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.

नई दिल्ली:

75वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के 23 कर्मियों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि इनमें से छह- तत्कालीन डीसीपी अमित शर्मा (वर्तमान में एसपी, दमन के पद पर तैनात), एसीपी अनुज कुमार (वर्तमान में एसपी, दीव के रूप में तैनात)  हेड कांस्टेबल रतन लाल (मरणोपरांत), कांस्टेबल प्रदीप शर्मा, मोहित कुमार और नवीन को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान उनके अदम्य साहस, चातुर्य और वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.

इनके अलावा संयुक्त पुलिस आयुक्त तुसार टाबा और उप निरीक्षक चाको वीसी को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है, जबकि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रजनीश गुप्ता और राजीव रंजन, डीसीपी विक्रम कपाली पोरवाल, डीसीपी अजय पाल सिंह, डीसीपी सुशील कुमार सिंह और अतिरिक्त डीसीपी गोविंद उन 15 कर्मियों में शामिल हैं, जिन्हें सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.

75वें स्वतंत्रता दिवस पर अमेरिका की भारत को बधाई, कहा- महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चलकर लंबी यात्रा तय की

24 फरवरी, 2020 को, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर चौक के पास दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं थीं जिसमें भीड़ ने भारी पथराव किया था, जिसके कारण दंगे भड़के थे.

पुलिस के अनुसार, अमित शर्मा, जो उस समय पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) के रूप में तैनात थे, चांद बाग में एक विरोध स्थल पर थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आंदोलन की वजह से वजीराबाद रोड पर कोई यातायात बाधित न हो, लेकिन वहां भारी भीड़ होने के कारण एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार डीसीपी की सहायता के लिए दल बल के साथ वहां पहुंचे थे.

जब भीड़ 30,000 के करीब पहुंच गई और बृजपुरी टी-प्वाइंट तक फैल गई, तब शर्मा और उनके सहयोगियों ने आंदोलनकारियों को उन्हें धरना स्थल पर रहने के लिए कहकर शांत कराने की कोशिश की, लेकिन उनलोगों ने वज़ीराबाद रोड पर आक्रामक तरीके से पहुंचना शुरू कर दिया. इसके बाद अचानक पुलिस पार्टी के आसपास भीड़ जमा हो गई और पथराव करने लगे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

एक साल बाद की घटना को याद करते हुए शर्मा ने कहा कि उन्होंने किसी भी परिस्थिति में मौके से नहीं हटने का एक सचेत निर्णय लिया था. जब ये वाकया हो रहा था, तब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उस समय राष्ट्रीय राजधानी में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात कर रहे थे.