द्रविड़ार कझगम (डीके) ने मंगलवार तड़के 'मंगलसूत्र (थाली) हटाने का विवादास्पद समारोह' आयोजित किया। इसी बीच मद्रास हाईकोर्ट ने इस समारोह के आयोजन पर रोक लगा दी।
डीके अध्यक्ष के. वीरामणि ने संवाददाताओं से कहा कि हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश द्वारा कल मिली मंजूरी के अनुसार समारोह आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि करीब 21 महिलाओं ने अपनी मर्जी से मंगलसूत्र हटाए। उन्होंने बताया कि इन महिलाओं ने डीके को सोना दान में दिया।
समारोह में भाग लेने वाली एक महिला ने कहा कि वह 'राहत' महसूस कर रही हैं, क्योंकि वह इसे केवल 'अपमान के प्रतीक' के रूप में देखती है। उन्होंने कहा, 'अगर मेरे गले में कोई मंगलसूत्र नहीं होगा तो मुझे इससे कोई समस्या नहीं है।' काले वस्त्र पहने कई लोगों को समारोह में देखा गया।
हालांकि एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 'मंगलसूत्र हटाने और गोमांस भोज' के समारोह पर रोक लगा दी।
अदालत जब मंगलवार सुबह बैठी, तो उसे 'मंगलसूत्र हटाने' का समारोह आयोजित किए जाने के बारे में जानकारी दी गई। 'गोमांग भोज' का कार्यक्रम मंगलवार शाम आयोजित होना था।
गौरतलब है कि सहायक पुलिस आयुक्त ने 'मंगलसूत्र हटाने और गोमांस भोज' के कार्यक्रम पर रोक लगा दी थी। डीके ने इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसके बाद एकल न्यायाधीश ने इस समारोह पर लगी रोक हटा दी थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं