200 करोड़ की धोखाधड़ी : मंत्रियों का नाम ले उगाही करता था सुकेश, 'पार्टी फंड' के नाम पर ठगे करोड़ों

यह सब उस शख्स ने किया जो केवल 12वीं पास है लेकिन तकनीक पर अच्छी पकड़ रखता है.

200 करोड़ की धोखाधड़ी : मंत्रियों का नाम ले उगाही करता था सुकेश, 'पार्टी फंड' के नाम पर ठगे करोड़ों

दिल्ली पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है.

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने सुकेश चंद्रशेखर और लीना पॉल के खिलाफ फोर्टिस हेल्थकेयर और रैनबैक्सी लैब के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर और मलविंदर सिंह के परिवार से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. सुकेश और लीना दोनों के खिलाफ 32 आपराधिक मामले लंबित हैं. इन्होंने शीर्ष अधिकारी बनकर उनके परिवार से कहा कि वे साल 2019 से तिहाड़ जेल में बंद दोनों भाईयों शिविंदर और मलविंदर सिंह की जमानत करवा सकते हैं.

पुलिस ने सुकेश और लीना पॉल के अलावा रोहिणी जेल के दो वरिष्ठ अधिकारी, उनकी मदद करने वाले तीन अन्य लोगों के खिलाफ मकोका (MCOCA) के तहत मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस ने दोनों को मास्टरमाइंड बताते हुए कहा, '...जांच में पाया गया कि एक संगठित अपराध सिंडिकेट है और वे (सुकेश और लीना) (नेटवर्क) चला रहे हैं.' 

सुकेश चंद्रशेखर को पहली बार साल 2007 में गिरफ्तार किया गया था, तब उसकी उम्र 17 साल थी. उसने कथित तौर पर एक व्यापारी के साथ 1.15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी. तीन साल बाद उसकी लीना पॉल से मुलाकात हुई, और पांच साल बाद उन्होंने शादी कर ली. 

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सुकेश ने पुलिस को बताया, 'मुझे लीना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पैसों की सख्त जरूरत थी. शुरुआती दौर के बाद लीना भी इसमें शामिल हो गई और मदद करने लगी.' सुकेश पहली बार तिहाड़ जेल में शिविंदर सिंह (और यूनिटेक के प्रमोटर संजय और अजय चंद्रा) से मिले. यहीं से इस धोखाधड़ी की शुरुआत हुई.

सुकेश ने जमानत दिलाने की बात करते हुए सिंह के परिवार को ठगने की योजना बनाई. सुकेश चंद्रशेखर ने कथित तौर पर एक आईफोन और व्हाट्सएप और टेलीग्राम सहित चार ऐप के जरिए 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. 

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पहला फोन पिछले साल 15 जून को शिविंदर की पत्नी अदिति सिंह को किया गया था. केंद्रीय कानून सचिव अनूप कुमार होने का दावा करते हुए, सुकेश ने एक हाई-एंड स्पूफिंग ऐप के इस्तेमाल से बेवकूप बनाया कि कॉल लैंडलाइन से थी. उसने कॉल पर कहा, 'मैं उच्च अधिकारी के निर्देश पर कॉल कर रहा हूं और मुझे आपके पति की जमानत में मदद के लिए कहा गया है.'

पुलिस ने बताया कि जब सुकेश को लगा कि अदिति उसके जाल में फंस गई हैं तो उसने "पार्टी फंड के नाम पर" पैसे की मांग की. फिर, उसने 19 अगस्त को तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के घर से कॉल करने का नाटक करने के लिए उसी स्पूफिंग ऐप का इस्तेमाल किया. उसके अगले दिन अदिति को गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से 'कॉल' आया और उन्हें कहा गया, 'गृह मंत्री यह सुन रहे हैं...'

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पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह सब उस शख्स ने किया जो केवल 12वीं पास है लेकिन तकनीक पर अच्छी पकड़ रखता है. Hushed के इस्तेमाल से सुकेश ने दो वर्चुअल नंबर भी बनाए - एक व्हाट्सएप और दूसरा टेलीग्राम के लिए. इनका इस्तेमाल अदिति सिंह और उनके सहयोगियों से पैसे लेने के लिए किया गया था. 

जून 2020 और अगस्त 2021 के बीच, सुकेश चंद्रशेखर ने 201.75 करोड़ रुपए की उगाही की. और यहीं से जेल में बंद यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा का नाम सामने आया. सुकेश ने पुलिस को बताया कि दीपक रमनानी ने अदिति सिंह से पैसे लिए. इससे चंद्रा ने ही उसे मिलवाया था.

रमनानी ने 53 शेल कंपनियों के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए अवतार सिंह कोचर को हायर किया था. कोचर ने कबूल किया कि 90 से ​​100 करोड़ रुपए विदेश भेजे गए और 10 से ​​12 करोड़ रुपए पुणे, चेन्नई और हैदराबाद भेजे गए. जांच में यह भी सामने आया है कि सुकेश चंद्रशेखर ने मालविंदर सिंह की पत्नी सपना गोधवानी के साथ भी इसी तरीके से 4.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. उसने पुलिस को बताया है कि राशि का एक हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया गया है.
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7.5 करोड़ रुपए चेन्नई के बाहरी इलाके में स्थित एक फॉर्महाउस में और 23 लग्जरी कारों में खर्च किया गया. इन सभी को ईडी ने जब्त कर लिया है. इस सब में लीना पॉल की भूमिका स्पूफिंग ऐप खरीदने में रही, जिनके जरिए सुकेश उगाही करता था.