अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था... (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अमरनाथ यात्रियों की बस पर लश्कर के चार आतंकियों ने हमला किया था, जिनमें से दो पाकिस्तानी थे और दो स्थानीय. ये कहना है जम्मू-कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट का, जो उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है.
मामले की जांच से जुड़े अफ़सरों का कहना है कि लश्कर कमांडर अबू इस्माइल के साथ एक और पाकिस्तानी आतंकी ने हमला किया और उनकी मदद दो और स्थानीय आतकियों ने की.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीज़ू ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि "यात्रा पर हमला एक गंभीर मसला है. इस पूरे हमले की समीक्षा मंत्रालय कर रहा है. समीक्षा के बाद जो ज़िम्मेवार है उसके ख़िलाफ़ करवाई भी की जाएगी".
मंत्रालय के मुताबिक़, राज्य पुलिस और अन्य सुरक्षा बल इस्माइल का पता लगाने के लिए घाटी खासकर दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय अभियान चलाया जा रहा है. इस हमले की प्राथमिक जांच के दौरान जो बातचीत पकड़ी गई, उसके अनुसार इस्माइल अमरनाथ यात्रियों पर हमले में शामिल था.
मंत्रालय का आंकलन है कि लश्कर के बशीर लश्करी जैसे आतंकियों के मारे जाने के बाद से आतंकी बौखलाए हुए हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'आतंकवाद को खत्म करने के लिए पिछले कुछ महीनों से चलाए जा रहे अभियान से लगातार हुए नुकसान से आतंकवादी बौखलाए हुए हैं, इसलिए अब उन्होंने असैन्य नागरिकों और पर्यटकों पर हमला किया है".
जिस बस पर आतंकी हमला हुआ, शुरू में वह बस श्रद्धालुओं के नियमित काफिले का हिस्सा थी और बालटाल तक साथ चली थी. बस में सवार श्रद्धालुओं ने आठ जुलाई को अमरनाथ गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की. लौटते वक्त ये श्रद्धालु काफिले से अलग हो गए और श्रीनगर चले गए. गुजराती श्रद्धालु पर्यटक के तौर पर दो दिन श्रीनगर में रूके. 10 जुलाई को शाम करीब 4:30 बजे वे श्रीनगर से कटरा के लिए रवाना हुए.
ये बस शाम करीब 6:30 बजे खानाबल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक जगह पर पंक्चर हो गई. इसके बाद यात्री बस से उतर गए और सड़क के किनारे एक ढाबे पर खाना खाने लगे.
जब बस ने यात्रा फिर से शुरू की तो आतंकवादियों ने खानाबल में रात 8 बजकर 17 मिनट पर इसमें सवार श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया. गोलियों का सामना कर रहे बस के ड्राइवर सलीम शेख ने सूझबूझ दिखाई और वहां से बस को बचाकर किसी तरह निकाला. इसके बाद आतंकवादियों के दूसरे समूह ने महज 75 मीटर की दूरी पर फिर से बस पर हमला कर दिया.
अधिकारियों ने कहा कि ड्राइवर ने फिर भी बस नहीं रोकी, जबकि लगातार दूसरी बार बस पर हमला किया गया था. आखिरकार कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बस रोकी गई और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को अनंतनाग पुलिस लाइन लेकर गए जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर अस्पताल ले जाया गया.
(इनपुट भाषा से भी)
मामले की जांच से जुड़े अफ़सरों का कहना है कि लश्कर कमांडर अबू इस्माइल के साथ एक और पाकिस्तानी आतंकी ने हमला किया और उनकी मदद दो और स्थानीय आतकियों ने की.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीज़ू ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि "यात्रा पर हमला एक गंभीर मसला है. इस पूरे हमले की समीक्षा मंत्रालय कर रहा है. समीक्षा के बाद जो ज़िम्मेवार है उसके ख़िलाफ़ करवाई भी की जाएगी".
मंत्रालय के मुताबिक़, राज्य पुलिस और अन्य सुरक्षा बल इस्माइल का पता लगाने के लिए घाटी खासकर दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय अभियान चलाया जा रहा है. इस हमले की प्राथमिक जांच के दौरान जो बातचीत पकड़ी गई, उसके अनुसार इस्माइल अमरनाथ यात्रियों पर हमले में शामिल था.
मंत्रालय का आंकलन है कि लश्कर के बशीर लश्करी जैसे आतंकियों के मारे जाने के बाद से आतंकी बौखलाए हुए हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'आतंकवाद को खत्म करने के लिए पिछले कुछ महीनों से चलाए जा रहे अभियान से लगातार हुए नुकसान से आतंकवादी बौखलाए हुए हैं, इसलिए अब उन्होंने असैन्य नागरिकों और पर्यटकों पर हमला किया है".
जिस बस पर आतंकी हमला हुआ, शुरू में वह बस श्रद्धालुओं के नियमित काफिले का हिस्सा थी और बालटाल तक साथ चली थी. बस में सवार श्रद्धालुओं ने आठ जुलाई को अमरनाथ गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की. लौटते वक्त ये श्रद्धालु काफिले से अलग हो गए और श्रीनगर चले गए. गुजराती श्रद्धालु पर्यटक के तौर पर दो दिन श्रीनगर में रूके. 10 जुलाई को शाम करीब 4:30 बजे वे श्रीनगर से कटरा के लिए रवाना हुए.
ये बस शाम करीब 6:30 बजे खानाबल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक जगह पर पंक्चर हो गई. इसके बाद यात्री बस से उतर गए और सड़क के किनारे एक ढाबे पर खाना खाने लगे.
जब बस ने यात्रा फिर से शुरू की तो आतंकवादियों ने खानाबल में रात 8 बजकर 17 मिनट पर इसमें सवार श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया. गोलियों का सामना कर रहे बस के ड्राइवर सलीम शेख ने सूझबूझ दिखाई और वहां से बस को बचाकर किसी तरह निकाला. इसके बाद आतंकवादियों के दूसरे समूह ने महज 75 मीटर की दूरी पर फिर से बस पर हमला कर दिया.
अधिकारियों ने कहा कि ड्राइवर ने फिर भी बस नहीं रोकी, जबकि लगातार दूसरी बार बस पर हमला किया गया था. आखिरकार कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बस रोकी गई और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को अनंतनाग पुलिस लाइन लेकर गए जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर अस्पताल ले जाया गया.
(इनपुट भाषा से भी)
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