वर्ष 1984 के सिख विरोधी हिंसा मामले (1984 anti-Sikh riots)में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को उम्रकैद के सजायाफ्ता कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार की स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड की जांच करने करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने 6 सितंबर तक हलफनामा मांगा है. सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) ने मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत मांगी है. सज्जन कुमार की ओर से विकास सिंह ने कहा कि मेडिकल आधार पर उनके मुवक्किल को जमानत दी जाए. विकास सिंह ने कहा कि उनका वजन बहुत कम हो गया है और एक निजी अस्पताल में ले जाने की जरूरत है.
दूसरी ओर, शिकायतकर्ताओं के लिए दुष्यंत दवे ने जमानत का विरोध किया. दवे ने कहा कि उन्हें (सज्जन को) पहले भी एससी द्वारा जमानत देने से इनकार कर दिया गया था, तब एम्स बोर्ड ने उनकी जांच की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक साल पहले हुआ था, उनकी चिकित्सीय स्थिति की दोबारा जांच कराई जाए. सीबीआई उनकी मेडिकल हालात का परीक्षण करे.
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गौरतलब है कि वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिखों के खिलाफ हिंसा भड़की थी. दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिसंबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जिसके बाद से सज्जन कुमार जेल में हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2013 में निचली अदालत की तरफ से दिए गए एक फैसले को पलट दिया था. इस मामले में निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था.
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