देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2019 में उत्तीर्ण होने वाले 829 प्रतिभागियों में 197 महिलाओं ने अपना स्थान बनाया. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होने वली महिलाओं की संख्या वर्ष 2018 की तुलना में थोड़ी अधिक है. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित सिविल सेवा परीक्षा 2019 के जरिये 829 प्रतिभागी चुने गए जिसमें 632 पुरूष और 197 महिला शामिल हैं. सिविल सेवा परीक्षा 2019 का परिणाम मंगलवार को घोषित हुआ था.
परीक्षा में आईआरएस अधिकारी प्रदीप सिंह ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया जबकि प्रतिभा वर्मा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. जतिन किशोर को सिविल सेवा परीक्षा 2019 में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ. वर्ष 2018 के सिविल सेवा परीक्षा में 759 प्रतिभागी उत्तीर्ण हुए थे जिसमें 577 पुरूष और 182 महिलाएं शामिल थी. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) पिछले कुछ वर्षो से सिविल सेवा परीक्षा के लिये अपनी अधिसूचना में कहता रहा है, ‘‘सरकार महिला कार्यबल के लिए प्रयासरत है जो लैंगिक संतुलन को प्रदर्शित करती है और महिला उम्मीदवारों को आवेदन के लिये प्रेरित करती है.''
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सिविल सेवा परीक्षा हर साल तीन चरणों में आयोजित की जाती है जिसमें प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल होता हैं. इसमें चयनित उम्मीदवार प्रतिष्ठित लोक सेवा में योगदान करते हैं. यूपीएससी के अनुसार, कुल 829 प्रतिभागियों की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित अन्य सिविल सेवाओं के लिए अनुशंसा की गई है.
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कुल उत्तीर्ण प्रतिभागियों में 304 सामान्य श्रेणी, 78 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), 251 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 129 अनुसूचित जाति, 67 अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हैं. 182 अन्य प्रतिभागियों को आरक्षित (रिजर्व) सूची में रखा गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं