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This Article is From Oct 21, 2020

24 साल पुराने तिहरे हत्याकांड में 15 दोषियों को उम्रकैद की सजा

डीजीसी ने बताया, "अदालत ने प्रथम पक्ष के सभी आठ आरोपियों उदय प्रताप सिंह, अभय प्रताप सिंह, मन्ना सिंह, बड़का तिवारी, गुड्डा तिवारी, सुनील सिंह, रामनिरंजन सिंह और राकेश सिंह को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया. "

24 साल पुराने तिहरे हत्याकांड में 15 दोषियों को उम्रकैद की सजा
प्रतीकात्मक तस्वीर
फतेहपुर:

जिले की एक अदालत ने 24 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड में दोषी पाए गए 15 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया.जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) सुखदेव गुप्ता ने मंगलवार को बताया, "दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (कोर्ट नम्बर तीन) के न्यायाधीश अजय कुमार की अदालत ने 24 साल पहले जजिया कर (गुंडा टैक्स) की वसूली को लेकर दो पक्षों में हुई गोलीबारी में तीन लोगों के मारे जाने के मामले में दोषी पाए गए 15 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

अदालत ने उन पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है." उन्होंने बताया, "यह घटना छह अगस्त 1996 को खागा कस्बे में घटित हुई थी. उस समय एक पक्ष ने निजी बसों के परिचालन में बीस रुपये प्रति चक्कर का जजिया कर (गुंडा टैक्स) मांगा था, जिस पर दूसरे पक्ष के लोगों ने यह टैक्स खुद वसूलने की बात कहकर गोलीबारी शुरू कर दी थी. इस गोलीकांड में पहले पक्ष से घायल सुनील सिंह, राम निरंजन सिंह और राकेश सिंह की कुछ समय बाद इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी थी." डीजीसी गुप्ता ने बताया, "मामले में प्रथम पक्ष ने द्वितीय पक्ष के 18 लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास (क्रमश: धाराओं 302, 307 के तहत) का मामला दर्ज करवाया था जबकि द्वितीय पक्ष ने प्रथम पक्ष के आठ लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश (307) का मुकदमा दर्ज करवाया था."

डीजीसी ने बताया, "अदालत ने प्रथम पक्ष के सभी आठ आरोपियों उदय प्रताप सिंह, अभय प्रताप सिंह, मन्ना सिंह, बड़का तिवारी, गुड्डा तिवारी, सुनील सिंह, रामनिरंजन सिंह और राकेश सिंह को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया. इनमें से सुनील सिंह, रामनिरंजन सिंह व राकेश सिंह गोली लगने से घायल हो गये थे और बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी." उन्होंने बताया, "अदालत ने द्वितीय पक्ष के प्रदीप पांडेय, कमल पांडेय, पप्पू पांडेय, प्रकाश पांडेय, सन्तोष पांडेय, राजेश पांडेय, संजय पांडेय, नीरज पांडेय, राजेन्द्र पांडेय, ताराचन्द्र पांडेय, सन्तोष तिवारी, छोटे तिवारी, ज्ञान सिंह, विजय पांडेय और मुकेश पांडेय को हत्याकांड का दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा सुनाई है और सभी पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.'' उन्होंने बताया कि दोषी पक्ष के नवल पांडेय और रामआसरे सिंह की मुकदमे की सुनवाई के दौरान बीमारी से मौत हो चुकी है तथा इसी पक्ष के बड़कू पांडेय को अदालत ने बरी कर दिया है."

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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