CBSE के 1152 छात्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कम्पार्टमेंट-रिपीटर्स और प्राइवेट परीक्षा को रद्द करने की गुहार

याचिकाकर्ताओं ने सीबीएसई बोर्ड को नियमित छात्रों के लिए सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्डों द्वारा अपनाए गए मूल्यांकन फार्मूले के अनुरूप 12वीं कक्षा के निजी / कम्पार्टमेंट / रिपीटर्स छात्रों के प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए एक फार्मूले पर पहुंचने और समयबद्ध तरीके से परिणाम जारी करने के लिए निर्देश देने की भी प्रार्थना की है.

CBSE के 1152 छात्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कम्पार्टमेंट-रिपीटर्स और प्राइवेट परीक्षा को रद्द करने की गुहार

CBSE 12th Board Exam के असेसमेंट को लेकर फार्मूला हो गया है तैयार (फाइल)

नई दिल्ली:

देश भर के 10वीं और 12वीं कक्षा के 1152 छात्रों ने सीबीएसई (CBSE Board) की 12वीं के कम्पार्टमेंट / प्राइवेट / रिपीटर्स परीक्षा (Compartment / Private / Repeaters Exam) को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिकाकर्ताओं ने सीबीएसई बोर्ड को नियमित छात्रों के लिए सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्डों द्वारा अपनाए गए मूल्यांकन फार्मूले के अनुरूप 12वीं कक्षा के निजी / कम्पार्टमेंट / रिपीटर्स छात्रों के प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए एक फार्मूले पर पहुंचने और समयबद्ध तरीके से परिणाम जारी करने के लिए निर्देश देने की भी प्रार्थना की है.सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं के बोर्ड इम्तिहान के लिए सीबीएसई के जिस फार्मूले को हरी झंडी दी थी उसे कुछ छात्रों ने चुनौती दी है. 

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सुप्रीम कोर्ट में 1152 छात्रों ने याचिका दायर कर इस स्कीम पर सवाल उठाते हुए कुछ सुझाव भी दिए हैं. छात्रों ने अपनी याचिका में कंपार्टमेंट, पिछले कई सालों से पास होने की उम्मीद में इम्तिहान देने वाले, पत्राचार से 12वीं करने वाले, ड्रॉप आउट, प्राइवेट छात्रों के लिए भी नीति बनाने की मांग की है.इन वर्गों के तहत परीक्षा देने वाले छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों आदि की स्वास्थ्य सुरक्षा सहित सभी जरूरी इंतजाम करने के मुद्दे भी याचिका में उठाए गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने तीन जून को सीबीएसई को 12वीं की परीक्षा की बाबत योजना बनाकर कोर्ट में पेश करने को कहा था. बोर्ड ने 17 जून को अपना फार्मूला कोर्ट को दिया जो कोर्ट ने मंजूर करते हुए रिकॉर्ड पर लिया लेकिन याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि इन वर्गों के छात्रों और परीक्षार्थियों को लेकर नई स्कीम उदासीन है. ये संविधान में दिए गए बुनियादी अधिकारों में समानता के अधिकारों के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.

फरवरी में बोर्ड के सर्कुलर के मुताबिक कंपार्टमेंट, रिपिटिव, प्राइवेट, कॉरेस्पोंडेंस कोर्स आदि के परीक्षार्थियों के लिए प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, इंटरनल असेसमेंट आदि अलग से आयोजित करने के बजाय रेगुलर छात्रों के साथ ही कराए जाएंगे. याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि इन वर्गों के छात्रों की आपत्तियां भी कोर्ट मंगाए और उनको भी व्यवहारिक राहत दे. 

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