पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र के महाड पुल हादसे में दो बस और कई वाहन सावित्री नदी में बह गए थे
नई दिल्ली:
देश के विभिन्न हिस्सों में तकरीबन 100 ऐसे पुलों की पहचान की गई है जो कभी भी धराशाई हो सकते हैं. ऐसे पुलों की तरफ तुरंत ही ध्यान देने की जरूरत है. ऐसा कोई और नहीं बल्कि खुद सरकार ने स्वीकार किया है. सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने ऐसे 100 पुलों के बारे में गुरुवार को लोकसभा में जानकारी दी.
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केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि उनके मंत्रालय ने देशभर के 1.6 लाख पुलों के सुरक्षा मानदंडों की जांच की है. इस जांच के दौरान 100 पुलों को खतरनाक हालात में पाया है. सदन के प्रश्नकाल में नितिन गडकरी ने कहा, 'ये 100 पुल कभी भी ढह सकते हैं. इन पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.'
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सड़क परिवहन मंत्री ने एक दुर्घटना का भी उल्लेख किया, जहां पिछले साल महाराष्ट्र के कोकण इलाके में सावित्री नदी पर अंग्रेजों के समय का बना महाड़ पुल ढह गया और इस में दो सरकारी बसें और कुछ निजी वाहन नदी में बह गए.
नितिन गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने पिछले साल देश के पुलों का डेटा बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की थी. ताकि पुलों पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर सजग हुआ जा सके.
VIDEO: महाड़ हादसे में बही बस और कार विभिन्न सड़क परियोजनाओं के कार्यों में देरी का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह देरी भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण और पर्यावरण मंजूरी से जुड़ी वजहों के कारण हो रही है. उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से 3.85 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं अटकी हुई थीं, इनमें से ज्यादातर परियोजनाओं की समस्याओं का समाधान हो गया है और वहां काम जारी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि उनके मंत्रालय ने देशभर के 1.6 लाख पुलों के सुरक्षा मानदंडों की जांच की है. इस जांच के दौरान 100 पुलों को खतरनाक हालात में पाया है. सदन के प्रश्नकाल में नितिन गडकरी ने कहा, 'ये 100 पुल कभी भी ढह सकते हैं. इन पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.'
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सड़क परिवहन मंत्री ने एक दुर्घटना का भी उल्लेख किया, जहां पिछले साल महाराष्ट्र के कोकण इलाके में सावित्री नदी पर अंग्रेजों के समय का बना महाड़ पुल ढह गया और इस में दो सरकारी बसें और कुछ निजी वाहन नदी में बह गए.
नितिन गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने पिछले साल देश के पुलों का डेटा बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की थी. ताकि पुलों पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर सजग हुआ जा सके.
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