कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में नवजात शिशुओं के मरने का सिलसिला फिर शुरू हो गया। मालदा जिले में स्थित मालदा मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल में सोमवार से अब तक 10 शिशुओं की मौत हो गई। इसके साथ ही शनिवार से अब तक कुल 25 शिशुओं की मौत हो चुकी है।
पीड़ित परिजनों ने मौत का कारण अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को बताया है। लेकिन अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शिशु पहले से ही चिंताजनक हालत में यहां लाए गए थे।
अस्पताल के अधिकारी उच्छल कुमार भद्रा ने बताया, "सोमवार रात से अब तक 10 शिशुओं की मौत हो चुकी है। शनिवार से अबतक 25 शिशुओं की मौत हुई है।"
उन्होंने मौत का कारण अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के दावे को खारिज कर दिया। भद्रा ने कहा, "गम्भीर हालत में जितनी संख्या में बच्चों को हमारे पास लाया गया था वह हमारी क्षमता से बहुत अधिक था। इसके अलावा शिशु मरणासन्न अवस्था में थे। हमारी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है।"
उन्होंने तापमान में गिरावट एवं शिशुओं के कम वजन को भी मौत का कारण बताया। उधर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने टिप्पणी से इनकार कर दिया।
पीड़ित परिजनों ने मौत का कारण अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को बताया है। लेकिन अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शिशु पहले से ही चिंताजनक हालत में यहां लाए गए थे।
अस्पताल के अधिकारी उच्छल कुमार भद्रा ने बताया, "सोमवार रात से अब तक 10 शिशुओं की मौत हो चुकी है। शनिवार से अबतक 25 शिशुओं की मौत हुई है।"
उन्होंने मौत का कारण अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के दावे को खारिज कर दिया। भद्रा ने कहा, "गम्भीर हालत में जितनी संख्या में बच्चों को हमारे पास लाया गया था वह हमारी क्षमता से बहुत अधिक था। इसके अलावा शिशु मरणासन्न अवस्था में थे। हमारी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है।"
उन्होंने तापमान में गिरावट एवं शिशुओं के कम वजन को भी मौत का कारण बताया। उधर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने टिप्पणी से इनकार कर दिया।
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