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This Article is From Sep 04, 2023

मेनोपॉज से पहले होने वाली परेशानियों को कम करेंगे ये 3 योगासन, जानिए करने का तरीका

पढ़ते रहें क्योंकि हम बता रहे हैं कि कौन से योग आसन पेरिमेनोपॉज़ को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं.

मेनोपॉज से पहले होने वाली परेशानियों को कम करेंगे ये 3 योगासन, जानिए करने का तरीका
योग पेरिमेनोपॉज़ को मैनेज करने में मदद कर सकता है.

मेनोपॉज महिलाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, जो आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र वाली महिलाओं के बीच होती है, जो उनके प्रेगनेंट का होने का प्रतीक होती है. मेनोपॉज रजोनिवृत्ति के दौरान, एक महिला के अंडाशय अंडे जारी करना बंद कर देते हैं, और हार्मोन का स्तर (विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) कम हो जाता है.

दूसरी ओर, पेरीमेनोपॉज़, मेनोपॉज तक के संक्रमणकालीन चरण को संदर्भित करता है. यह आमतौर पर मेनोपॉज से कई साल पहले शुरू हो जाता है, लेकिन हर महिला के लिए इसका समय और यह कितने समय तक रहेगा अलग-अलग होता है. पेरिमेनोपॉज़ के दौरान, हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव शुरू हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर इर्रेगुलर पीरियड्स, मूड स्विंग्स, नींद ना आना, वजाइना का सूखापन जैसे विभिन्न लक्षण दिखाई देते हैं.

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योग वास्तव में पेरिमेनोपॉज़ लक्षणों को मैनज करने में मदद कर सकता है. हालांकि यह सीधे तौर पर हार्मोनल परिवर्तनों को नहीं संभाल सकता है, लेकिन योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थय के लिए कई लाभ प्रदान करता है, जो पेरिमेनोपॉज़ से जुड़ी कुछ परेशानियों को कम कर सकता है. तो आइए जानते हैं वो कौन से योग आसन हैं जो पेरिमेनोपॉज़ को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं.

पेरिमेनोपॉज़ के समय करें ये 5 योग आसन (5 Yoga asanas to practice during perimenopause)

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1. अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)

  • जमीन पर फर्श की ओर मुंह करके सीधे लेट जाएं.
  • धीरे-धीरे अपने धड़ को उठाएं और अपने शरीर के साथ एक पहाड़ जैसी संरचना बनाएं.
  • आपकी हथेलियाँ दूर-दूर होनी चाहिए और बाहर की ओर होनी चाहिए.
  • दूसरी ओर, आपके पैरों को एक-दूसरे के बगल में रखना चाहिए.
  • इस बिंदु पर, शरीर का एकमात्र हिस्सा जो जमीन को छू रहा है वह आपकी हथेलियाँ और पैर होने चाहिए.
  • आपका चेहरा अंदर और नीचे की ओर होना चाहिए.
  • आपके शरीर को एक त्रिकोण बनाना चाहिए.
  • कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और कम से कम 10 बार दोहराएं.

2. उत्तासना ( Uttanasana )

  • इस आसन को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाओ.
  • अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें.
  • अगर आप पूरा नहीं झुक पा रहे हैं तो अपने हाथों से पैर के अंगूठे को छुएं.
  • अगर आप वहां तक नहीं जा पाप रहे हैं तो उतमा ही झुके जितना आसान हो.
  • इस प्वाइंट पर, आपका चेहरा आपके पैरों की ओर और आपके सिर का ऊपरी भाग फर्श की ओर होना. चाहिए.
  • इसे छोटे-छोटे अंतराल में कुछ बार दोहराएं.

3.  पश्चिमोंत्तासन (Paschimottanasana)

  • अपने पैरों को अपने सामने सीधा करके बैठें.
  • इस स्थिति में आपके पैरों के तलवे सामने की ओर होने चाहिए.
  • धीरे-धीरे अपने धड़ को अपने पैरों के करीब और जहां तक ​​संभव हो ले आएं.
  • आप अपने पैरों को पकड़ने के लिए अपने हाथों का उपयोग कर सकते हैं, इससे आपकी पहुंच की सीमा बढ़ सकती है.
  • इस स्थिति में, आपका पेट और छाती आपकी जांघों को छू रहे होंगे.
  • आपका चेहरा सामने की ओर या पैरों की ओर, जो भी आरामदायक हो, हो सकता है.
  • 10-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और वापस बैठ जाएं.
  • आप अपनी सुविधा के आधार पर इसे कुछ बार दोहरा सकते हैं.

यह ध्यान रखें कि जहां योगा से इसमें राहत मिल सकती है, लेकिन कुछ पेरिमेनोपॉज़ के लक्षण अलग-अलग होते हैं, और उनसे आराम पाने के लिए किसी डॉक्टर से सलाह जरूर लें. 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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