विश्व शौचालय दिवस हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है, जो स्वच्छता और शौचालय सुविधाओं तक पहुंच की इंपोर्टेंस के बारे में है. किसी भी जगह पर अच्छी स्वच्छता की जरूरत सबसे पहले है और अब समय आ गया है कि हम इसे समझें. खुले में शौच और खराब स्वच्छता गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है. विश्व शौचालय की थीम तेजी से बदलाव रखी गई है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 19 नवंबर यानि वर्ल्ड टॉयलेट डे से 25 दिसंबर, गुड गवर्नेंस डे तक 5 हफ्ते का क्लीन टॉयलेट चैलेंज शुरू किया है.
इस चैलेंस को शुरू करने का उद्देश्य 5 हफ्ते स्वच्छता और रखरखाव अभियान के जरिए शौचालयों के ऑपरेशन्स और मेंटेनेंस की दिशा में बदलाव लाना है.
क्लीन टॉयलेट चैलेंज का उद्देश्य ऐसे मॉडल पब्लिक टॉयलेट की पहचान करना भी है जो स्वच्छता, लोगों तक पहुंच, डिजाइन में नएपन के साथ एक उदाहरण पेश कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री हरदीप से पुरी ने कहा कि "अगर हमारे पास स्वच्छ शौचायल हैं, तो यह काम सिर्फ राज्यों से जुड़ा नहीं है, यह लोहों के व्यहार में बदलाव को भी दर्शाता है. स्वच्छता और शौचायल उस परिवर्तन का अभिन्न अंग हैं जो हम शहरी भारत में चाह रहे हैं."
विश्व शौचालय दिवस कार्यक्रम:
प्रोफेसर डॉ. जैक सिम, संस्थापक और निदेशक विश्व शौचालय संगठन और स्वच्छता से जुड़े लोग, राज्य और शहर के अधिकारी, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, सुलभ इंटरनेशनल, ग्लोबल इंटर-फेथ वॉश एलायंस, निजी संस्थाएं इसमें भाग लेने के लिए तैयार हैं.
एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) के प्रभाव को बढ़ाने और शहरी स्वच्छता की मुश्किल चुनौतियों का समाधान करने के लिए इस मंच से एसबीएम-यू 2.0 के लिए पार्टनर्स फोरम को लॉन्च किया जाएगा.
यह फोरम डेवलपमेंट पार्टनर्स और सेक्टर पार्टनर्स से परे, कॉरपोरेट्स, पीएसयू, लाइन मंत्रालयों/डब्ल्यूएएसएच सेक्टर से जुड़े विभागों, अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग संस्थानों के लिए साझेदारी को बनाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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