विश्व शौचालय दिवस (world toilet day) के मौके पर 19 नवंबर को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Puri) ने आवसन और शहरी कार्य मंत्रालय के कार्यक्रम टायलेट 2.0 की शुरुआत की. केंद्रीय मंत्री ने इस राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरू से की. इस अभियान का लक्ष्य भारत में शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की तस्वीर को बदलना है.
इस अभियान की शुरुआत के समय केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत खुले में शौच से मुक्त होने की कहानियों से आगे बढ़ने को तैयार है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ और सुरक्षित सार्वजनिक शौचालय और सार्वजनक स्थान लोगों की जीवनशैली के अनुभवों और गुणवत्ता में सुधार लाएंगे. यही कराण है कि मुझे शौचालय 2.0 अभियान को शुरू करने में खुशी महसूस हो रही है.
शौचालय 2.0 अभियान की मुख्य पांच थीम हैं, जिसमें पीपल फॉर टॉयलेट्स (people for toilets) : सामदुायिक और सार्वजिनक शौचालयों की सफाई और रख रखाव. दूसरी थीम है पाटर्नस फॉर टॉयलेट : सार्वजनिक शौचालयों को गोद लेने की प्रक्रिया. तीसरी थीम है, डिजाइन टॉयलेट्स : डिजाइन चैलेंज. चौथी थीम रेट योर टॉयलेट : सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करने वालों की प्रतिक्रिया लेकर बढ़ाना है और पांचवीं थीम माई थॉट्स- आवर टॉयलेटस : शौचालयों के लिए जनमत जुटाना है.
इस योजना के सही से क्रियान्वयन के लिए 18 नवंबर को स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक रणनीतिक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 250 से अधिक स्थानीय शहरी निकायों के अधिकारी और इंजीनियर शामिल हुए. इस योजना का उद्देश्य पूरी तरह से देश के सभी शहरों और गांवों को स्वच्छ बनाने का है.
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