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दुनिया की पहली लंग्स कैंसर वैक्सीन बनाने में जुटे 7 देश, 67 बुजुर्ग को मिला पहला डोज, कहां हैं हम

Is there a lung cancer vaccine? सात देशों ने पहली बार mRNA फेफड़े के कैंसर की वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया है. आइए जानते हैं इस बारे में.

दुनिया की पहली लंग्स कैंसर वैक्सीन बनाने में जुटे 7 देश, 67 बुजुर्ग को मिला पहला डोज, कहां हैं हम
Is there a lung cancer vaccine? दुनिया की 1st लंग्स कैंसर वैक्सीन का चल रहा ट्रायल, जानें डिटेल्स

Is there a lung cancer vaccine? दुनिया में फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) की पहली mRNA लंग्स कैंसर वैक्सीन लॉन्च कर दी गई है. जिसका सात देशों में क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है यह वैक्सीन भविष्य में लंग कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. वहीं विशेषज्ञों ने कहा कि इस वैक्सीन में लंग्स कैंसर से पीड़ित हजारों लोगों की जान बचाने की क्षमता है. अगर ये ट्रायल सफल होता है तो यकीन लाखों- करोंड़ों मरीजों को इसका फायदा मिलेगा. आइए जानते हैं इस वैक्सीन के बारे में.

कब हुआ था वैक्सीन की पहली बार ट्रायल शुरू

अगस्त 2024 में BioNTech ने BNT116 के नाम से पहली mRNA बेस्ड फेफड़े के कैंसर की वैक्सीन लॉन्च की गई. बता दें, सात देशों के 34 स्थलों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. इन देशों के नाम यूके, यूएस., जर्मनी, हंगरी, पोलैंड, स्पेन और तुर्की है. 34 शोधकर्ता चरण 1 नैदानिक परीक्षणों में प्रवेश कर रहे हैं. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) से पीड़ित 130 रोगी भाग ले रहे हैं.

लंग्स कैंसर की पहली वैक्सीन ब्रिटेन के एक मरीज को दी गई. बता दें, ब्रिटेन के 20 मरीजों सहित करीब 130 मरीजों को इम्यूनोथेरेपी के साथ BNT116 दिया जाएगा, जो फेफड़ों के कैंसर के विभिन्न चरणों को लक्षित करेगा. कोविड-19 वैक्सीन के समान mRNA टेक्निक का उपयोग करते हुए, BNT116 का उद्देश्य इम्यून सिस्टम को NSCLC ट्यूमर मार्करों को पहचाने में सक्षम बनाना है, जो स्वस्थ कोशिकाओं को छोड़ते हुए कैंसर कोशिकाओं पर हमला करते हैं.  बता दें, यह पहली बार है जब इस तरह की वैक्सीन का फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए टेस्ट किया गया है.

फेफड़े का कैंसर से जा रही है लोगों की जान

फेफड़े का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है. ऐसे में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी वजह से हर साल लगभग 1.8 मिलियन मौतें होती हैं. बता दें, कैंसर की ज्यादा स्टेज में जीवित रहने की दर कम होती है.

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वैक्सीन की पहली टेस्टिंग इस शख्स पर की गई

लंग्स कैंसर के वैक्सीन की पहली टेस्टिंग लंदन के 67 वर्षीय एआई वैज्ञानिक जानुस राज पर की गई थी.  वैक्सीन लेने वाले शख्स ने कहा कि, "मई में फेफड़ों के कैंसर का पता चलने और कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी शुरू करने के बाद, मैंने इस टेस्टिंग में शामिल होने का फैसला किया. उन्होंने आगे कहा कि, मैं समझता हूं ये वैक्सीन लंग्स कैंसर के उपचार में काफी सहयोग देगी.

जानें वैक्सीन का उद्देश्य, इस चीज को टारगेट करना

mRNA लंग्स कैंसर वैक्सीन का उद्देश्य, कीमोथेरेपी से काफी अलग है. जिन लोगों को लंग्स कैंसर, उसके लिए ये वैक्सीन इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करती है.  बता दें, इस वैक्सीन नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) के इलाज के लिए तैयार किया गया है, जो इस बीमारी का सबसे सामान्य और घातक रूप है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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