World Osteoporosis Day 2024: उम्र बढ़ने के साथ लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हड्डियों से जुड़ी समस्याएं आम हैं. ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की एक ऐसी बीमारी है, जिसमें समय के साथ हड्डियों में कमजोरी आने के साथ व्यक्ति को दर्द की समस्या होने लगती है. हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है. इस साल विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस की थीम “नाज़ुक हड्डियों को कहें ना” रखी गयी है. इसके बारे में लोगों को जागरूक करने लिए हमने ऑर्थोपेडिक डॉ. हर्ष लापसीवाला से बात की.
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ऑस्टियोपोरोसिस क्या है?
डॉ. हर्ष लापसीवाला ने बताया, "ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी रोग है, जो बोन मिनरल डेंसिटी और बोन मास में कमी से होता है. इससे हड्डी की ताकत में कमी आ सकती है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. यह बीमारी अक्सर उम्र बढ़ने के साथ ही बढ़ती है. यह ज्यादातर बढ़ती हुई उम्र के साथ सामने आती है.
क्यों महिलाओं में ज्यादा होती है ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या?
उन्होंने कहा, 'इसके साथ ही जीन, उम्र और लिंग ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने की संभावनाओं को बढ़ाते है, लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों के साथ इन संभावनाओं को कम किया जा सकता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की हड्डियां छोटी और पतली होती हैं. महिलाओं को मेनोपॉज के बाद यह समस्या आती है. मेनोपॉज से पहले महिलाओं में हड्डियों की रक्षा करने वाला एस्ट्रोजन पूरी मात्रा में होता है, जो बाद में कम होने लगता है." सेडेंटरी लाइफस्टाइल, बहुत ज्यादा शराब का सेवन और धूम्रपान से यह समस्या समय से पहले देखने को मिल सकती है.
इन विटामिन की कमी से होती है ये समस्या:
इससे बचने के तरीकों के बारे में डॉ. हर्ष लापसीवाला में कहा, "यह बीमारी ज्यादातर शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से होती है. इसके लिए अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार जैसे दूध और दूध से बने उत्पाद, अंडे, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियां को शामिल करने की जरूरत है. इसके साथ ही कैल्शियम (प्रतिदिन 1,000-1,200 मिलीग्राम) और विटामिन डी (प्रतिदिन 600-800 आईयू) का सेवन करें.
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इस समस्या को दूर करने के लिए क्या करें?
डॉक्टर ने विटामिन डी लेने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लेने की सलाह दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इसके लिए अपने लाइफस्टाइल में भी बदलाव करना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि रुमेटीइड गठिया, हाइपरथायरायडिज्म और कुछ जठरांत्र संबंधी विकार जैसी बीमारियां हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं. आगे कहा, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को समय रहते ठीक किया जा सकता है. स्क्रीनिंग और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इस बीमारी से उबरा जा सकता है. जो लोग इससे जूझ रहे है उनके लिए डॉक्टर लापसीवाला ने नियमित चिकित्सा जांच के सलाह दी.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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