World Osteoporosis Day 2023: ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम, डायग्नोस और उपचार के बारे में ग्लोबल अवेयरनेस बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस एक पुरानी कंडिशन है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे वे नाजुक हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे का बड़ा महत्व है, क्योंकि ऑस्टियोपोरोसिस दुनियाभर में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है. ये लाखों लोगों को प्रभावित करता है, खासकर 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं और 70 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को. इस दिन के जरिए कई संगठन और व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस की समझ को बढ़ावा देने और शीघ्र पता लगाने और मैनेजमेंट को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं.
कई हेल्थ कंडिशन के मैनेजमेंट के लिए ट्रेडिशनल इंडियन मेडिसिन में सदियों से आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता रहा है. माना जाता है कि अश्वगंधा, शतावरी और गुग्गुलु जैसी कुछ जड़ी-बूटियों में ऐसे गुण होते हैं जो संभावित रूप से ऑस्टियोपोरोसिस और जोड़ों के दर्द को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं. हालांकि, ऑस्टियोपोरोसिस और जोड़ों के दर्द के लिए किसी भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का उपयोग करने से पहले एक क्वालिफाइड आयुर्वेदिक डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स से सलाह लेना जरूरी है. यहां बताया गया है कि कैसे ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां ऑस्टियोपोरोसिस को मैनेज करने में मदद कर सकती हैं.
ऑस्टियोपोरोसिस के दर्द के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां | Ayurvedic herbs for osteoporosis pain
1. त्रिफला
तीन फलों (अमलाकी, बिभीतकी और हरीतकी) का ये शक्तिशाली हर्बल कॉम्बिनेशन सूजन को कम करने और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है.
2. गुग्गुल
भारतीय बेडेलियम पेड़ के इस राल में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है.
ये भी पढ़ें: कब मनाया जाता है वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे, जानिए इन दिन का इतिहास, महत्व और बोन हेल्थ के टिप्स
3. अश्वगंधा
ये एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी स्ट्रेस और सूजन को कम करने में मदद करती है. इसके सूजनरोधी गुण जोड़ों के दर्द को कम कर सकते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं.
4. बोसवेलिया
भारतीय लोबान के रूप में भी जानी जाने वाली इस जड़ी-बूटी में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द को मैनेज करने और मॉबिलिटी में सुधार करने में मदद कर सकते हैं.
5. हल्दी
इस पीले मसाले में करक्यूमिन होता है, जिसमें शक्तिशाली सूजनरोधी प्रभाव होता है और ये जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.
6. अदरक
अपने दर्द निवारक गुणों के लिए जाना जाने वाला अदरक ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है.
ये भी पढ़ें: चेहरे की स्किन पड़ गई है ढीली, तो स्किन टाइटनिंग के लिए ट्राई करें ये 3 होममेड फेस पैक, निखर जाएगी त्वचा
7. शल्लाकि
भारतीय लोबान के रूप में भी जानी जाने वाली इस जड़ी-बूटी का उपयोग पारंपरिक रूप से जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत के लिए आयुर्वेद में किया जाता है.
8. हरिद्रा
इस जड़ी-बूटी में मजबूत सूजन-रोधी गुण भी होते हैं और यह जोड़ों के दर्द को मैनेज करने और बोन हेल्थ में सुधार करने में मदद कर सकता है.
9. निर्गुण्डी
इस जड़ी बूटी में दर्द निवारक और सूजन रोधी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं.
10. पुनर्नवा
यह जड़ी बूटी अपने ड्यूरेटिक गुणों के लिए जानी जाती है और जोड़ों के दर्द और सूजन में योगदान देने वाले टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद कर सकती है.
ये भी पढ़ें: ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां छींकने पर भी हो सकती हैं फ्रैक्चर, जानें इसके मुख्य कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
11. शिलाजीत
शिलाजीत को कमजोरी का नाश करने वाला माना जाता है. शिलाजीत एक मिनरल है जो जोड़ों के दर्द को कम करने और बोन डेंसिटी में सुधार करने में मदद कर सकता है.
12.सहजन
सहजन के पेड़ की इन पत्तियों में एनाल्जेसिक और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं