विज्ञापन

दुनियाभर में भारतीयों को सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का खतरा, शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

World Heart Day 2024: डॉ. कीर्ति चड्ढा ने नियमित रूप से ब्लड जांच और कई महत्वपूर्ण जांच कराने की सलाह दी है. उन्‍होंने कहा कि जांच के जरिए हार्ट अटैक के लिए जिम्‍मेदार हाइपरलिपिडिमिया और डायबिटीज जैसे कारणों को पहचानने में मदद मिलती है.

दुनियाभर में भारतीयों को सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का खतरा, शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
World Heart Day 2024: हर साल 29 सितंबर को ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ बनाया जाता है.

हार्ट हमारे शरीर का भिन्न अंग है. आज के समय में आए दिन आपको अपने आसपास हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की खबर सुनने को मिलती रहती हैं. मगर कुछ समय से हार्ट अटैक के मामले कम आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में लोगों को जरूरत है कि वह अपने दिल का ध्यान रखें. आप अपने दिल का ख्‍याल रखें, इसके लिए हर साल 29 सितंबर को ‘वर्ल्ड हार्ट डे' बनाया जाता है. इस दिन लोगों को जागरूक किया जाता है कि वह अपने दिल का विशेष तौर पर ध्‍यान रखें. इस साल ‘वर्ल्ड हार्ट डे' की थीम ‘यूज हार्ट फॉर एक्शन' रखी गई है.

इस मौके पर लोगों को जागरूक करने के उदेश्‍य से मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड में चीफ साइंटिफिक एंड इनोवेशन ऑफिसर डॉ. कीर्ति चड्ढा ने बताया, ''वर्तमान में ग्लोबल लेवल पर हृदय रोग (सीवीडी) पुरुषों के साथ महिलाओं में भी अधिक देखने को मिल रहा है. हार्ट डिजीज से हर साल अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की मौत होती है. इसके पीछे खराब लाइफस्टाइल सबसे बड़ा कारण है. साथ ही कहा कि हाल ही में किए गए शोधों में भी यह बात सामने आई कि कोविड-19 भी इसके पीछे एक महत्‍वपूर्ण कारक है.''

ये भी पढ़ें- World Heart Day 2024: दक्षिण-पूर्व एशिया में हर साल दिल के दौरे और स्ट्रोक से होती हैं 3.9 मिलियन मौतें : WHO

डॉक्‍टर ने कहा, ''हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ सालों में लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि व्‍यक्ति को समय-समय पर अपनी स्वास्थ्य जांच कराते रहना चाहिए.''

डॉ. कीर्ति चड्ढा ने नियमित रूप से ब्लड जांच और कई महत्वपूर्ण जांच कराने की सलाह दी है. उन्‍होंने कहा कि जांच के जरिए हार्ट अटैक के लिए जिम्‍मेदार हाइपरलिपिडिमिया और डायबिटीज जैसे कारणों को पहचानने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, ''कई ग्लोबल स्टडी में यह बात सामने आई है कि दुनिया में भारतीयों को सबसे ज्‍यादा हार्ट अटैक का खतरा है. युवाओं में सामने आ रहे हार्ट अटैक के मामले चिंता का विषय है।. इसके लिए जरूरी है कि नियमित तौर पर जांच और रोकथाम उपायों पर जोर दिया जाए. जेनेटिक कारणों से भी हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि देखने को मिलती है.''

आगे कहा, ''डिजिटल दुनिया के इस युग में जनता की सोच भी अब तेजी से बदल रही है. हम सिर्फ जेनेटिक या लाइफस्टाइल के शिकार नहीं हैं, बल्कि हम अपने जीन, डेलीआदतों और ग्लोबल स्वास्थ्य संकटों के बीच संबंधों को भी गहराई से समझना चाहते हैं, ताकि हम अपने दिल की देखभाल कर सकें. आज लोग अपने हेल्‍थ को लेकर बेहद चिंतित रहते है. वह नियमित तौर पर टेस्‍ट कराते हैं, ताकि अपने दिल की देखभाल के लिए सही समय पर उचित कदम उठा सकें.''

उन्‍होंने कहा कि कई शोध ने इस बात की पुष्टि की है कि एपोलिपोप्रोटीन ई और एपोलिपोप्रोटीन ए1 जैसे कुछ मार्करों का सीधा संबंध हार्ट डिजीज से है. साधारण टेस्‍ट के माध्‍यम से कोलेस्ट्रॉल के लेवल, रक्तचाप, सूजन और हृदय स्वास्थ्य से संबंधित कई बीमारियों का आसानी से पता लगाया जा सकता है. ऐसे में डॉक्‍टर ने लोगों को सलाह दी है कि वह नियमित रूप से अपनी जांच कराएं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
World Heart Day 2024: दक्षिण-पूर्व एशिया में हर साल दिल के दौरे और स्ट्रोक से होती हैं 3.9 मिलियन मौतें : WHO
दुनियाभर में भारतीयों को सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का खतरा, शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
गंजी खोपड़ी में फिर से निकल सकते हैं नए बाल, बस शैंपू में मिलाकर लगा लें ये चीज, कमर तक लंबे हो जाएंगे बाल
Next Article
गंजी खोपड़ी में फिर से निकल सकते हैं नए बाल, बस शैंपू में मिलाकर लगा लें ये चीज, कमर तक लंबे हो जाएंगे बाल
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com