World Health Day: "हमारा ग्रह, हमारी सेहत" है इस साल की थीम, जानें Climate Crisis एक विकट स्वास्थ्य संकट क्यों है

World Health Day 2022: इस विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डब्ल्यूएचओ मानव और ग्रह को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी अर्जेंट एक्‍शन्‍स पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करेगा और वेल बींइग पर फोकस्‍ड समाज बनाने के लिए एक आंदोलन को बढ़ावा देगा.

World Health Day:

World Health Day 2022: विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 की थीम 'हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य' है

World Health Day 2022: मार्च 2020 के अंत में कोविड-19 लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान, दिल्ली सहित 90 से अधिक भारतीय शहरों में न्यूनतम वायु प्रदूषण दर्ज किया गया. केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार, कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण किए गए उपायों के प्रभाव के परिणामस्वरूप PM2.5 (महीन कण प्रदूषक) में गिरावट आई है. दिल्ली में 30 प्रतिशत की गिरावट, अहमदाबाद और पुणे में 15 प्रतिशत तक गिरावट आई है. पर्यावरण की दुर्दशा और इससे होने वाले नुकसान को दिखाने के लिए इसने एक महामारी का रूप ले लिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल 13 मिलियन से अधिक मौतें परिहार्य पर्यावरणीय कारणों जैसे परिवेशी वायु प्रदूषण के कारण होती हैं.

इसमें जलवायु संकट शामिल है, जो मानवता के सामने सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है. विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 पर, डब्ल्यूएचओ मानव और ग्रह को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी अर्जेंट एक्‍शन्‍स पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करेगा और वेल बींइग पर फोकस्‍ड समाज बनाने के लिए एक आंदोलन को बढ़ावा देगा. 

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 | World Health Day 2022

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 की थीम 'हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य' (‘Our Planet, Our Health') है. इस अभियान के माध्यम से, डब्ल्यूएचओ सरकारों और जनता से ग्रह और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों की स्‍टोरिज साझा करने और समाजों की भलाई को प्राथमिकता देने का आग्रह करेगा. 

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यह बताते हुए कि कैसे हमारे राजनीतिक, सामाजिक और व्यावसायिक निर्णय जलवायु और स्वास्थ्य संकट को बढ़ा रहे हैं, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, “90 प्रतिशत से अधिक लोग जीवाश्म ईंधन के जलने से अस्वस्थ हवा में सांस लेते हैं. दुनिया देख रही है कि मच्छर पहले से कहीं ज्यादा तेजी से बीमारियां फैला रहे हैं. एक्‍ट्रीम वेदर की घटनाएं, भूमि क्षरण और पानी की कमी लोगों को विस्थापित कर रही है और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है. प्रदूषण और प्लास्टिक हमारे सबसे गहरे महासागरों के तल में, सबसे ऊंचे पहाड़ों पर पाए जाते हैं, और हमारी खाद्य श्रृंखला में अपना रास्ता बना चुके हैं. अत्यधिक प्रसंस्कृत यानी हाईली प्रोसेस्‍ड, अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों का उत्पादन करने वाली प्रणालियां मोटापे की लहर चला रही हैं, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक तिहाई पैदा करते हुए कैंसर और हृदय रोग को बढ़ा रही हैं.

जलवायु संकट एक स्वास्थ्य कैसे बन रहा है |  How The Climate Crisis Is Becoming A Health

1. पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने से अकेले वायु प्रदूषण में कमी के माध्यम से 2050 तक दुनिया भर में एक साल में लगभग दस लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सबसे खराब जलवायु प्रभावों को अवोयड करने से 2030 से 2050 तक प्रति वर्ष 250,000 अतिरिक्त जलवायु से संबंधित मौतों को रोकने में मदद मिल सकती है, मुख्य रूप से कुपोषण, मलेरिया, दस्त और हीट स्‍ट्रेस से.

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2. डब्ल्यूएचओ के अनुसार-  परिवहन (ट्रांसपोटेशन) वैश्विक कार्बन उत्सर्जन का लगभग 20 प्रतिशत उत्पादन करता है. चलने और साइकिल चलाने जैसे विकल्प न सिर्फ क्‍लाइमेट के लिए अच्‍छे हैं, बल्कि प्रमुख स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं, जैसे कि कई पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों के जोखिम को कम करना और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार.

3. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भोजन के उत्पादन, पैकेज और वितरण की प्रणालियां ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक तिहाई उत्पन्न करती हैं. ज्‍यादा टिकाऊ उत्पादन जलवायु प्रभावों को कम करेगा और अधिक पौष्टिक आहार का समर्थन करेगा, जो एक साल में समय से पहले होने वाली तकरीबन 11 मिलियन मौतों को रोक सकता है. 

4. डब्ल्यूएचओ के अनुसार- लंबे समय तक जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली प्राकृतिक आपदाएं, जैसे बाढ़ स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर सकती हैं, विस्थापन, डूबने से मृत्यु और चोट का कारण बन सकती हैं, शारीरिक आघात, दिल का दौरा, सुरक्षित पानी की कमी हो सकती है, जल जनित बीमारियों को जन्म दे सकती है और यहां तक नतीजा विषाक्तता भी हो सकता है.

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5. बढ़ते तापमान से भीषण गर्मी का खतरा बढ़ जाता है. अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से सिरदर्द, भ्रम, थकान, उल्टी होती है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 40 डिग्री से ऊपर के तापमान के साथ, हीट स्ट्रोक हो सकता है, जिससे अंग विफलता अस्पताल में भर्ती की जरूरत पड़ सकती है और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है. 

6. इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन से सूखे और जंगल की आग जैसे हालात पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है. जंगल की आग से दम घुटने, जलने और धुएं में सांस लेने से मौत और चोट लग सकती है, धुएं और राख से श्वसन और हृदय संबंधी समस्याएं, मानसिक स्वास्थ्य पर आघात प्रभाव, स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान, आवास और आजीविका का नुकसान हो सकता है.

विश्व स्वास्थ्य दिवस का इतिहास और महत्व | History And Significance Of World Health Day

विश्व स्वास्थ्य दिवस दुनिया भर के लोगों के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए डब्ल्यूएचओ की एक पहल है. 1948 में वापस, WHO ने पहली विश्व स्वास्थ्य सभा का आयोजन किया जिसने "विश्व स्वास्थ्य दिवस" (“World Health Day”) के निर्माण का आह्वान किया. दो साल बाद, 1950 में, पहला विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को मनाया गया और तब से हर साल इस दिन एक अनूठी थीम के साथ इसे मनाया जाता है. 7 अप्रैल 1948 में WHO की स्थापना की वर्षगांठ भी है. 

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