Second Hand Smoking Can Affect Your Kids: सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर फेमस होने का जुनून आजकल लोगों पर इस कदर सवार है कि वे किसी की सेहत से भी खिलवाड़ करने पर बाज नहीं आते फिर चाहे बात बच्चे की हो या बुजुर्ग की. इस समय सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला छोटे से बच्चे को गोद में लेकर स्मोकिंग करती हुई नजर आ रही है. एक हाथ से महिला ने बच्चे को गोद में लिया हुआ है वहीं दूसरे हाथ से स्मोकिंग कर बच्चे के सामने ही धुआं उड़ा रही है. शायद ये महिला इस बात से बिल्कुल अनजान है कि उसकी इस नादानी से मासूम से बच्चे को क्या परेशानी हो सकती है? आइए जानते हैं सेकंड हैंड स्मोकिंग के बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ सकते हैं?
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The woman is #smoking while holding an infant and the child kept coughing...
— Sneha Mordani (@snehamordani) June 17, 2024
The toddler is exposed to second hand smoke, complete violation of the child's rights.#Reel madness went way too far this time? pic.twitter.com/MMx5U7ZuMQ
स्मोकिंग से बच्चों की सेहत पर क्या असर होगा? (How Smoking Affect Kid's Health)
किसे कहते हैं सेकंड हैंड स्मोकिंग?
सेकंड हैंड स्मोकिंग उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें आप खुद स्मोकिंग नहीं करते, लेकिन उन लोगों के संपर्क में रहते हैं, जो सिगरेट या तंबाकू से बनी चीजों का सेवन कर धुआं उड़ाते हैं और आप उसकी चपेट में आकर अपने फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. भले ही आपने कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया लेकिन हवा में फैला ये धुंआ सांस लेते समय आपके फेफड़ों में जाकर उन्हें डैमेज कर सकता है.
दिव्यांगता का डर
ये एक ऐसी समस्या है जो आपके इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर आपके जोड़ों को नुकसान पहुंचा देती है. इससे दर्द और सूजन के अलावा चलने-फिरने, उठने बैठने में बहुत मुश्किल होने लगती है. अगर समय पर इस तरफ ध्यान नहीं दिया जाए तो व्यक्ति विकलांग भी हो सकता है.
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बढ़ जाता है रयूमेटायड अर्थराइटिस का खतरा
आरए यानी रुमेटॉइड आर्थराइटिस. ये एक बहुत तकलीफ देने वाली स्थिति मानी जाती है. कुछ केस में जोड़ों का दर्द बच्चों को जेनेटिक मिलता है लेकिन सेकेंड हैंड स्मोकिंग की समस्या इस परेशानी को बहुत ज्यादा बढ़ा सकती है.
सेकंड हैंड स्मोकिंग से हो सकती हैं ये बीमारियां
विशेषज्ञों की मानें तो तंबाकू के धुएं में लगभग 4000 से भी ज्यादा केमिकल तत्व मौजूद होते हैं. जिससे कम से कम 250 बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. इसके संपर्क में आने से बच्चों को फेफड़े से जुड़ी कई सारी परेशानियां हो सकती हैं. तंबाकू का धुआं दिल से जुड़े रोगों को बढ़ा सकता है, साथ ही कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी स्मोकिंग और सेकंड हैंड स्मोकिंग से हो सकती है. इसका असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी बुरी तरह देखने को मिलता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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