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Women Health: महिलाओं को चाहिए होती है पुरुषों से ज्यादा नींद, जानिए आखिर क्या है इसकी वजह

आमतौर पर ज्यादातर वयस्कों को औसतन सात से नौ घंटे की नींद चाहिए होती है. वहीं महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा नींद की जरूरत होती है, आखिर इसकी वजह क्या है.

Women Health: महिलाओं को चाहिए होती है पुरुषों से ज्यादा नींद, जानिए आखिर क्या है इसकी वजह
महिलाओं का आखिर क्यों होती है पुरुषों से अधिक सोने की जरूरत

Women Health: एक्सपर्ट्स की मानें तो वयस्क लोगों को हर रात कम से कम सात घंटे की नींद लेनी चाहिए. अच्छी नींद से आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ इम्प्रूव होती है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि महिलाओं और पुरुषों को समान नींद की जरूरत होती है या उनकी नींद में फर्क होता है? चलिए आज इसके बारे में पता करते हैं. आमतौर पर ज्यादातर वयस्कों को औसतन सात से नौ घंटे की नींद चाहिए होती है. वहीं महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा नींद की जरूरत होती है, आखिर इसकी वजह क्या है.

महिलाओं को क्यों चाहिए होती है पुरुषों की तुलना में ज्यादा नींद (Why do women need more sleep than men?)

एक स्टडी से पता चलता है कि औसतन, महिलाएं पुरुषों की तुलना में हर रात 11 मिनट ज्यादा सोती हैं. दरअसल महिलाओं को हार्मोनल चेंज, पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज जैसी कंडीशन का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी नींद प्रभावित होती है. इन वजहों से उनकी नींद ठीक से नहीं हो पाती जिसकी भरपाई करने के लिए उन्हें थोड़ी ज्यादा नींद चाहिए होती है.

1.  हार्मोन में उतार-चढ़ाव

हार्मोन में बदलाव आपकी स्लीप साइकिल को प्रभावित कर सकता है और इससे नींद में खलल पड़ने का रिस्क बढ़ सकता है. महिलाओं को मेंस्ट्रुअल साइकिल, प्रेगनेंसी, ब्रेस्टफीडिंग, पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज के समय हार्मोनल चेंज का सामना करना पड़ता है. मेनोपॉज के समय जो हार्मोनल बदलाव होते हैं वो खासतौर से नींद को प्रभावित करते हैं.

2. डिप्रेशन और एंजाइटी (Depression and Anxiety)

मेंटल हेल्थ और नींद का आपस में गहरा संबंध है. खराब नींद आपकी मेंटल हेल्थ पर असर डाल सकती है, वहीं अगर आपको डिप्रेशन है तो इससे आपकी नींद पर असर पड़ने की संभावना होती है. महिलाओं में डिप्रेशन और एंजायटी के मामले पुरुषों की तुलना में दोगुने होते हैं. इन दोनों ही कंडीशन की वजह से नींद ठीक से नहीं होती. स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, डिप्रेशन का आपकी नींद पर बहुत बुरा असर पड़ता है. डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में से:

80% को नींद न आने की (insomnia) की समस्या होती है
20% को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) होता है
15% को हाइपरसोमनिया (oversleeping) होता है

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3. महिलाओं में स्लीप डिसऑर्डर के ज्यादा मामले
 

चाहे हार्मोन, मेंटल हेल्थ या दूसरे इश्यू इसके लिए जिम्मेदार हो, एक बात तो साफ है, महिलाओं में नींद संबंधी विकार यानी स्लीप डिसऑर्डर होने की संभावना ज्यादा होती है, और उम्र बढ़ने के साथ यह रिस्क बढ़ता जाता है. कुछ स्लीप डिसऑर्डर का रिस्क महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दोगुना होता है, जिसमें  रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (Restless legs syndrome) भी शामिल है. उम्र बढ़ने के साथ स्लीप एपनिया जैसी दूसरी कंडीशन भी चिंता की वजह बन सकती  हैं. मेनोपॉज के बाद 67% लोगों में OSA होता है.

क्या आपको भरपूर नींद मिल रही है? (Are you getting enough sleep?)

हर किसी को नींद की अलग-अलग  जरूरत हो सकती है, इसलिए चाहे आप किसी भी जेंडर के हों, आपको यह पता लगाना चाहिए कि आपके लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है. अगर आपकी नींद पूरी हुई है तो आपका एनर्जी लेवल अच्छा रहता है और आप ठीक से फोकस कर पाते हैं. वहीं नींद पूरी न होने पर आप थका हुआ महसूस करते है, ठीक से फोकस नहीं कर पाते. इन लक्षणों के आधार पर आप पता कर सकते हैं कि कितने घंटे की नींद आपके लिए जरूरी है.

साउंड स्लीप के लिए करें ये काम (Do these things for sound sleep)

  • अच्छी नींद के लिए अल्कोहल और कैफीन से दूर रहे
  • सोते वक्त मोबाइल फोन को पास न रखें
  • रोज एक्सरसाइज करें
  • सोने का एक शेड्यूल सेट करें और वीकेंड पर भी उसे फॉलो करने की कोशिश करें
  • योग और मेडिटेशन से अपनी मेंटल हेल्थ इम्प्रूव करें
  • दोपहर में नींद आए तो बस 10 से 20 मिनट की पावर नैप लें. दिन में ज्यादा सोने से रात को नींद आने में मुश्किल हो सकती है.


अगर इन सब उपायों के बाद भी आपको अच्छी नींद नहीं आ रही है या आप हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं, तो अपने फिजिशियन या स्लीप स्पेशलिस्ट से सलाह लें. अच्छी हेल्थ के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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