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चारधाम यात्रा में अबतक 80 लोगों की मौत, 71 मौतों की वजह खराब स्वास्थ्य, जानें कारण और बचाव के उपाय

चार धाम यात्रा मार्गों पर मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में आज हम आपको Altitude Sickness के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ज्यादा ऊंचाई पर चढ़ाई करने के दौरान होता है. आइए जानते हैं इसके लक्षण और कारण के बारे में.

चारधाम यात्रा में अबतक 80 लोगों की मौत, 71 मौतों की वजह खराब स्वास्थ्य, जानें कारण और बचाव के उपाय
जानें क्या है Altitude Sickness? इसके लक्षण और कारण.

उत्तराखंड चार धाम यात्रा पिछले महीने की शुरू हो चुकी थी. हम सभी जानते हैं कि चार धाम यात्रा का रास्ता सरल नहीं है. तीर्थयात्रियों को कई ऊंचे- ऊंचे पहाड़ों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में आंकड़ों के अनुसार, यात्रा शुरू होने के सिर्फ 36 दिनों बाद 70 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ में हुई है. वहीं सोचने वाली बात ये कि आखिरी पहाड़ों पर चढ़ाई के दौरान लोगों की मौत क्यों रही है? ऐसे में आज हम आपको ऊंचाई से होने वाली बीमारी यानी "Altitude Sickness" के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं.

आंकड़ो अबतक चारों धामों में : 

  • केदारनाथ में 34 यात्रियों की मौत,
  • बदरीनाथ में 16 ,
  • यमनोत्री में 12 और गंगोत्री में 09 यात्रियों की स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई मौत.


वही स्वास्थ्य विभाग ये भी दावा कर रहा हैं इस बार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी गयी है लेकिन 50 साल से ऊपर के यात्री जिनको स्वास्थ्य परेशानी है वो जिद्द कर चले जाते है ओर घटनाएं हो जाती है.

क्या है Altitude Sickness, क्यों बढ़ रहा है चारधाम यात्रा के दौरान मौत का आंकड़ा, जानें क्या हैं लक्षण और कारण

क्या है ऊंचाई से होने वाली बीमारी | What is Altitude Sickness 

ऊंचाई पर होने वाली बीमारी (Altitude Sickness) उन चिकित्सा स्थितियों के लिए शब्द है जो तब हो सकती हैं जब आप बहुत तेजी और दिनों तक ऊंचाई पर चढ़ाई करते हैं. आप जितने ऊपर जाते हैं, वायुमंडल में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. इसका मतलब है कि ज्यादा ऊंचाई पर हवा का घनत्व और तापमान घटने लगता है और सांस लेने के लिए कम ऑक्सीजन मिलती है.

ऐसे में ऊंचाई पर होने वाली बीमारी तब होती है जब आपके शरीर को पर्याप्त सांस की जरूरत होती है, लेकिन ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से आप ठीक से सांस नहीं ले पाते हैं.


ऊंचाई से होने वाली बीमारी तीन अलग-अलग स्थितियों में हो सकती है, जो इस प्रकार है:-


एक्यूट माउंटेन सिकनेस (AMS):यह ऊंचाई पर होने वाली बीमारी का सबसे हल्का और सबसे आम रूप है.

हाई-एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा (HAPE): यह तब होता है जब ऊंचाई की बीमारी आपके फेफड़ों को प्रभावित करती है, जिससे उनमें तरल पदार्थ की मात्रा अधिक भर जाती है. हालांकि यह सबसे गंभीर रूप नहीं है, लेकिन यह ऊंचाई की बीमारी के अन्य रूपों की तुलना में तेजी से मृत्यु का कारण बन सकती है.

हाई एल्टीट्यूड सेरेब्रल एडिमा (HACE): यह सबसे गंभीर रूप है. यह तब होता है जब ऊंचाई की बीमारी के कारण आपका मस्तिष्क पूरी तरह से सूज जाता है. यह एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है, जिसमें मौत होने की संभावना बनी रहती है.

किन्हें  है Altitude Sickness का सबसे ज्यादा खतरा

ऊंचाई पर होने वाली बीमारी यानी "Altitude Sickness"  उन लोगों के लिए सबसे खतरनाक है, जो ऊंचाई पर रहने के आदी नहीं हैं, यानी वे ऊंचाई पर सांस लेने के आदी नहीं हैं. बता दें, चार धाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों तीर्थयात्री अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं, जिनमें से अधिकतर तीर्थयात्री ऊंचाई पर रहने के आदी नहीं है. ऐसे में सरकार हमेशा इस यात्रा में शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति को शामिल होने की सलाह देती है, ताकि ज्यादा ऊंचाई पर उन्हें "Altitude Sickness" का सामना न करना पड़े.

जान लें  "Altitude Sickness" के लक्षण और कारण

Altitude Sickness के लक्षण  इस प्रकार है:

ऊंचाई पर होने वाली बीमारी यानी  "Altitude Sickness" कई लक्षण है और ये लक्षण गंभीरता के आधार पर अलग-अलग होते हैं.  हाई-एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा (HAPE) के लक्षण आमतौर पर ऊंचाई पर पहुंचने के पहले दिन या उसके आसपास दिखाई देते हैं. HAPE या HACE जैसे अधिक गंभीर रूपों को दिखने में अधिक समय लगता है. यहां जानें क्या - क्या लक्षण दिखाई देते हैं.

- सिरदर्द
- मतली और उल्टी
- भूख न लगना
- आराम करते समय भी थकान
- सोने में परेशानी।
- चक्कर आना या हल्का सिरदर्द होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- हांफना
- सांस फूलना
- दृष्टि में परिवर्तन यानी ठीक से न दिखाई देना.

Altitude Sickness के कारण

ऊंचाई पर होने वाली बीमारी, जिसे एक्यूट माउंटेन सिकनेस (AMS) के रूप में भी जाना जाता है, उच्च ऊंचाई पर ऑक्सीजन के स्तर और वायुदाब में कमी के कारण होती है. जब आप अधिक ऊंचाई पर यात्रा करते हैं, तो हवा में समुद्र तल की तुलना में कम ऑक्सीजन होती है, जो आपके शरीर की ऑक्सीजन को प्रभावी ढंग से लेने और उसका उपयोग करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. इससे हल्के से लेकर गंभीर तक कई तरह के लक्षण हो सकते हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी तेजी से चढ़ते हैं और आपका शरीर ऊंचाई में होने वाले बदलावों के साथ कैसे तालमेल बिठाता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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