HMPV Virus Update : HMPV (Human Metapneumovirus) एक ऐसा वायरस है, जो सामान्य सर्दी-खांसी जैसे लक्षण पैदा करता है. अहमदाबाद के चांदखेडा में इस वायरस का पहला केस दर्ज किया गया है, जहां 2 महीने का नवजात इस वायरस संक्रमित पाया गया है. फिलहाल ये बच्चा ऑरेंज चिल्ड्रन हॉस्पिटल, चांदखेड़ा अहमदाबाद में एडमिट है. इस हॉस्पिटल के पीडियाट्रिशियन डॉक्टर नीरव पटेल का कहना है कि राज्य में पहला मामला सामने आया है और "इसको लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है." इसमें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, ताकि संक्रमण ज्यादा न फैले और स्थिति गंभीर न हो.
HMPV वायरस नहीं है खतरनाक (HMPV Virus Update)
स्वस्थ बच्चों को कम खतरा
डॉक्टर नीरव पटेल ने बताया कि एक बच्चा जो पांच दिन तक वेंटिलेटर पर था, अब उसकी हालत में काफी सुधार है और वह अब डिसचार्ज के लिए तैयार है. यह बच्चा नवजात था और उसे पहले से लंग्स की समस्या थी, इसलिए उसे ज्यादा असर पड़ा. लेकिन जिन बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा है, उन्हें अगर कोई इंफेक्शन हो भी जाए तो घबराने की कोई बात नहीं है.
एचएमपीवी को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई की डॉ. पीवीएम लक्ष्मी ने मंगलवार को आईएएनएस से खास बातचीत की. उन्होंने कहा, "ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर लोगों में काफी डर है. मगर मैं यही कहूंगी कि इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये आम इंफेक्शन वाला वायरस है."
कैसे पता करें कि आप संक्रमित तो नहीं
उन्होंने आगे कहा, "इस वायरस से संबंधित कुछ केस चीन में मिले हैं और इसी वजह से लोगों में डर का माहौल है. लेकिन, पीजीआई में पिछले साल भी कई केस मिले थे. यह वायरस खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों या कम इम्युनिटी वाले लोगों में ही गंभीर संक्रमण हो सकता है. अधिकतर लोगों में खांसी-जुकाम जैसा होता है, जो जल्द सही हो जाता है. इसको लेकर केंद्र सरकार की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है. कहा गया है कि डरने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकारें भी सतर्क रहें."
कितना डरने की जरूरत है?
डॉ. लक्ष्मी ने कहा, "लोगों को डरने की जरूरत नहीं है और उन्हें सतर्कता बरतनी है. खांसी-जुकाम वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें और ऐसे मरीज खुद ग्लव्स और मास्क पहनें. इसके अलावा भीड़भाड़ वाली जगह में अपनी सुरक्षा को लेकर मास्क पहन सकते हैं. वायरस के बढ़ने और घटने के लिए निगरानी जरूरी है, जिसके लिए हर राज्य में लैब्स भी मौजूद हैं. राज्यों को भी बताया गया है कि उनके राज्यों में लैब हैं, वहीं इसकी जांच की जाए."
बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत
एम्स के पूर्व निदेशक, डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने मीडिया को दी जानकारी में कहा कि यह कोई नया वायरस नहीं है और इसमें ज्यादा खतरा नहीं है. फिर भी, बुजुर्गों और बच्चों को खास ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और उन्हें इंफेक्शन जल्दी हो सकता है. सर्दियों में ऐसे मामले ज्यादा होते हैं क्योंकि यह वायरस हवा में लंबे समय तक रहता है और फैल सकता है. इसलिए सर्दियों में लोगों को सतर्क रहना चाहिए. यदि सर्दी-खांसी हो, तो दूसरों से थोड़ा दूरी बनाए रखें और बच्चों को बुखार या नजला हो तो स्कूल न भेजें.
क्या करें अगर बुखार या खांसी हो?
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और नीरव पटेल के अनुसार, इसके लक्षण सर्दी, खांसी और बलगम निकलने जैसे होते हैं. अगर किसी को बुखार या खांसी हो, तो उसे घर पर ही आराम करना चाहिए. खासकर बच्चों को स्कूल न भेजें, ताकि वायरस न फैले. बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों को भी इस समय विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम वायरस से निपटने में सक्षम नहीं होता.
डॉ. लक्ष्मी ने कहा, "गंभीर केसों में ही सैंपल लेकर जांच की जाएगी और सामान्य मामलों में ऐसा नहीं किया जाएगा. कोविड के दौरान जिस तरह के प्रिकॉशन लिए गए थे, उसका पालन अब भी करना है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं