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This Article is From Dec 21, 2017

जानें क्या होता है वजाइनल यीस्‍ट इंफेक्‍शन, क्या होते है इसके कारण, कैसे पाएं छुटकारा?

एंटीबायोटिक दवाओं के ज़्यादा सेवन करने, डायबिटिज़ या फिर कमज़ोर इम्यून सिस्टम होने की वजह से यह जल्दी होता है. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान भी यह इंफेक्शन होता है.

जानें क्या होता है वजाइनल यीस्‍ट इंफेक्‍शन, क्या होते है इसके कारण, कैसे पाएं छुटकारा?
  • यीस्ट का वैज्ञानिक नाम है कैंडिडा
  • किसी भी उम्र की महिला को हो सकता है ये
  • इसमें दर्द नहीं होता
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नई दिल्ली: अक्सर महिलाएं अपनी कुछ समस्याओं को लेकर ज्यादा खुलकर बात नहीं करतीं. खुद को हमेशा परिवार या और दूसरे कामों में वह पीछे ही रखती है. कई बार तो वह आम स्वास्थ्य समस्याओं को भी वह साझा नहीं करती ऐसे में प्राइवेट पार्ट्स के बारे में तो बात ही करना काफी देर की बात है. लेकिन कुछ समस्याएं हैं, जिनसे वह नियमित रूप से रूबरू होती है. इन्हीं में से एक है यीस्ट इंफेक्शन, कैंडिडिआसिस या वजाइनल इंफेक्शन. 

कैंडिडिआसिस गुप्तांगों में होने वाला एक इंफेक्शन है. अपने प्राइवेट पार्ट्स को साफ न रखने और एंटीबायोटिक दवाओं के ज़्यादा इस्तेमाल की वजह से यह होता है. यह संक्रमण होने का खतरा गर्भवती महिलाओं को ज़्यादा रहता है. जब वजिना में अच्छे बैक्टिरिया की मात्रा कम होती है और कैंडिडा (यीस्ट का वैज्ञानिक नाम) की मात्रा बढ़ जाती है, तब यीस्ट इंफ्केशन होता है.  

वजिना के साथ-साथ यह संक्रमण अंडरआर्म्स, ग्रोइन (पेट और जांध के बीच का हिस्सा) और ब्रेस्ट में भी अपना असर दिखाता है. इस संक्रमण के होने की एक वजह वातावरण में नमी की भी है, क्योंकि उस वक्त गुप्तांगों में फ्रेश हवा नहीं मिल पाती है.   

इस संक्रमण की वजह से गुप्तांगों में खुजली, वजिना के बाहरी हिस्सों में सूजन, सेक्स के दौरान दर्द और रेडनेस हो जाती है. जिसमें दर्द नहीं होता, लेकिन यह खुजली बार-बार परेशान करती है. इसी के साथ वजिना से वॉटर डिस्चार्ज भी पानी जैसा ना रहकर दूध जैसा सफेद हो जाता है.  

 
yeast

डॉक्टर आरती का कहना है कि "यह संक्रमण किसी भी उम्र की औरत या लड़की को हो सकता है. एंटीबायोटिक दवाओं के ज़्यादा सेवन करने, डायबिटिज़ या फिर कमज़ोर इम्यून सिस्टम होने की वजह से यह जल्दी होता है. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान भी यह इंफेक्शन होता है. कई बार महिलाओं को यह मालूम ही नहीं होता कि उन्हें यह इंफेक्शन है. इसीलिए गुप्तांगों में खुजली, वजिना के बाहरी हिस्सों में सूजन, सेक्स के दौरान दर्द और रेडनेस जैसे लक्षण दिखने के बाद वह टेस्ट के लिए आती हैं. "

डॉक्टर लूथरा के अनुसार "कैंडिडिआसिस को ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीफंगल पिल्स जैसे Fluconazole और Itraconazole देते हैं. यह संक्रमण को खत्म कर वजिना के PH लेवल को बेहतर बनाती हैं. वहीं, वजिनल इंफेक्शन के दौरान होने वाली खुजली में तुंरत राहत के लिए एंटीफंगल क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. " 

डॉक्टर आरती ने इस संक्रमण से बचने के लिए कुछ खास टिप्स भी शेयर किए:

1. हमेशा कॉटन अंडरवेयर पहनें.  
2. टाइट अंडरवेयर या लोअर्स को अवॉइड करें. सिंथेटिक फाइबर्स से बने कपड़ों को भी ना पहनें.
3. पीरियड्स के दौरान टैम्पॉन या पैड्स को हर चार घंटे में बदलें.
4. गीले कपड़ों में ज़्यादा देर ना रहें. जिम या स्विमिंग के बाद तुरंत कपड़ों को बदलें.
5. सबसे ज़रूरी, वजिना को हमेशा ड्राय और क्लीन रखें.

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