
What Eye Worm?: आंखें हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग हैं, लेकिन कभी-कभी इनका सामना कुछ अनएक्सपेक्टेड प्रॉब्लम्स से होता है. एक ऐसी प्रॉब्लम, जिसे हम आई वॉर्म के रूप में पहचानते हैं. ये समस्या हमारे शरीर में पैरासाइट इंफेक्शन के कारण पैदा हो सकती है. इन वॉर्म्स का लाइफ सर्कल शरीर में आने के बाद हमारे आई साइट एरिया को प्रभावित करता है. आइए, जानते हैं कि आई वॉर्म किस प्रकार के होते हैं, इसके कारण क्या हैं, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है.
आई वॉर्म क्या है?
आई वॉर्म पैरासाइट शरीर में एंटर करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. ये वॉर्म्स ह्यूमन बॉडी के किसी खास हिस्से, जैसे आंखों में आकर बसेरा करते हैं. पैरासाइट वॉर्म्स किसी दूसरे जीव से अपनी लाइफ हुड के लिए न्यूट्रिशन लेते हैं और इससे उस जीव को नुकसान होता है. जब ये पैरासाइट आंखों में एंटर करते हैं, तो वे विजन से जुड़ी प्रॉब्लम्स का कारण बन सकते हैं, जैसे ब्लरड विजन, जलन और कभी-कभी अंधापन (ब्लाइंडनेस) तक.
अगर इसे समय रहते पहचानकर इलाज न किया जाए तो आंखों में पैरासाइट इंफेक्शन एक सीवियर प्रॉब्लम हो सकती है. हालांकि, यह इंफेक्शन बहुत आम नहीं है और यह स्पेशली उन क्षेत्रों में होता है, जहां साफ-सफाई और हेल्थ प्रीकॉशन ठीक से नहीं अपनाए जाते है.
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आई वॉर्म होने के कारण (Causes of Eye Worms)
आई वॉर्म होने के मुख्य कारणों में प्रमुख रूप से पैरासाइट इंफेक्शन होते हैं, जो किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति या वातावरण से होते हुए हमारी बॉडी में एंटर करते हैं. इनकी कुछ विशेष किस्में हैं, जिनसे आंखों में इंफेक्शन हो सकता है. इनमें से प्रमुख पैरासाइट इस प्रकार हैं:
1. ग्नथोस्टोमियासिस
यह एक प्रकार का पैरासाइट है जो अधपके मांस, मछली या सरीसृपों के सेवन से शरीर में एंटर करता है. इस पैरासाइट के इंफेक्शन के कारण आंखों में दर्द, सूजन और विजन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
2. लोइआसिस
यह पैरासाइट एक इन्फेक्टेड मक्खी के काटने से फैलता है. इसके कारण आंखों में दर्द, जलन और कभी-कभी अंधापन (आई ब्लाइंडनेस) हो सकता है.
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3. ओंकोसेरसियासिस
इस पैरासाइट इंफेक्शन के कारण रिवर ब्लाइंडनेस हो सकता है, जो काली मक्खी के काटने से फैलता है. अगर यह पैरासाइट आंखों में पहुंच जाता है, तो यह अंधापन का कारण बन सकता है.
4. टोक्सोकेरिएसिस
यह पैरासाइट खासतौर से कुत्तों और बिल्लियों के मल से फैलता है. बहुत कम मामलों में यह पैरासाइट आंखों को प्रभावित करता है, जिससे यह अंधेपन का कारण बन सकता है.
5. ओकुलर सिस्टीसर्कोसिस
यह इंफेक्शन तब होता है जब टेनिया सोलियम (पोर्क टेपवर्म का लार्वा) आंखों को प्रभावित करता है. यह इंफेक्शन आंखों में दर्द, सूजन और ग्लूकोमा जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है.
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आई वॉर्म के लक्षण (Symptoms of Eye Worms)
अगर आप आई वॉर्म से इन्फेक्टेड हैं, तो इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आ सकते हैं.
- आंखों के आस-पास लालिमा (रेडनेस) और सूजन.
- आंखों में लगातार दर्द या जलन.
- विजन में धुंधलापन या खराबी.
- आंखों में फ्लोटर्स का दिखाई देना.
- आंखों से बहुत ज्यादा पानी बहना.
- आंखों में पैरासाइट का दिखाई देना.
आई वॉर्म का इलाज (Treatment of Eye Worms)
आई वॉर्म का उपचार आमतौर पर दवाओं के जरिए किया जाता है. ये दवाएं पैरासाइट्स को खत्म करने का काम करती हैं. कुछ मामलों में, डॉक्टर्स आंखों से वॉर्म्स को सर्जरी के जरिए निकालने की सलाह भी दे सकते हैं. यह ट्रीटमेंट की कॉम्प्लेक्सिटी और इंफेक्शन की सीविरियटी पर निर्भर करता है.
अगर इंफेक्शन ज्यादा सीवियर है, तो डॉक्टर्स को दवाओं के साथ-साथ दूसरे मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है. यह जरूरी है कि आप आंखों में किसी भी प्रकार के वॉर्म्स का इलाज खुद करने की बजाय स्पेशलिस्ट से कंसल्ट कर लें, क्योंकि इस प्रकार के इंफेक्शन में समय रहते इलाज जरूरी होता है.
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आई वॉर्म से बचाव के उपाय (Way To Prevent Eye Worms)
1. स्वच्छता का ध्यान रखें
बेसिक हाइजीन प्रैक्टिस को फॉलो करें, जैसे कि अपने हाथों को अच्छी तरह धोना, खासकर जब आप पालतू जानवरों से संपर्क करें या बाहर से घर लौटें.
2. सतर्कता बरतें
जब आप विदेश यात्रा पर जाएं, स्पेशली ऐसे देशों में जहां इन पैरासाइट्स के इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है, तो अधपके या कच्चे मांस और मछली का सेवन करने से बचें.
3. कॉन्टैक्ट लेंस का सही इस्तेमाल करें
अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी उचित देखभाल करें और रातभर लेंस पहनने से बचें.
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4. पालतू जानवरों की देखभाल
अगर आपके पास पालतू कुत्ता या बिल्ली है, तो उन्हें नियमित रूप से वॉर्म्स फ्री करें और उनके मल को सही तरीके से डिस्ट्रॉय करें.
5. मच्छरों से बचाव
अगर आप ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं या यात्रा करते हैं जहां मच्छरों के जरिए फैलने वाले पैरासाइट इंफेक्शन का खतरा हो, तो मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और स्किन पर डिसइंफेक्टेंट क्रीम लगाएं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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