
Ultra Processed Foods Side Effects: खुद को और अपने परिवार को सेहतमंद बनाए रखने को प्राथमिकता देने वाले लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स को लेकर हमेशा सावधान रहते आए हैं. उनके पास इसके समर्थन में मजबूत दलीलें भी होती हैं. हालांकि, अब उनके पास एक मजबूत तर्क और बढ़ गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स मांसपेशियों को कमजोर करते हैं, जिससे ऑस्टियोअर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है. ऑस्टियोअर्थराइटिस गठिया का सबसे आम रूप है. इस बीमारी में एक या ज्यादा जोड़ों में पुरानी सूजन अचानक उभर आती है. हालांकि जब किसी के खानपान को सही किया जाता है, तो मांसपेशियां फिर से मजबूत हो सकती हैं.
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स पर स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा | Shocking Revelation In Study on Ultra-Processed Foods
एक नई स्टडी में पाया गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से भरपूर डाइट में जांघों में फैट्स के जमाव की बहुत ज्यादा मौजूदगी में देखी गई है. इस तरह के वसा जमा होने को मांसपेशियों के कमजोर पड़ने से जोड़ा गया है, जो घुटने के जोड़ की सेहत को बेहतर बनाए रखने वाली छोटी हड्डियों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. अपनी डाइट को सही करने से वसा के जमाव को कम किया जा सकता है, जिससे स्वस्थ मांसपेशियों को बहाल करने, उपास्थि की मरम्मत करने और जोड़ों को होने वाले नुकसान को धीमा करने या रोकने में मदद मिलती है.
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अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने से बढ़ा घुटने के ऑस्टियो अर्थराइटिस का खतरा
इस स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों ने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से भरपूर आहार का सेवन किया, उनकी जांघों में वसा का जमाव बढ़ गया, जिससे उनके घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा भी बढ़ गया. स्टडी में शामिल प्रतिभागियों द्वारा ली गई कैलोरी की संख्या या उनकी फिजिकल एक्टिविटी लेवल की परवाह किए बिना इंट्रामस्क्युलर फैट जमा पाया गया. जबकि, पिछले रिसर्च में पाया गया था कि जांघ में मसल्स फैट हटने से घुटने के फंक्शंस में कमी आती है. यह पहला अध्ययन है जिसमें इस घटना को साफ तौर रूप से अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से जोड़ा गया है.
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स क्या होते हैं? किन वजहों से नहीं माने जाते सेहतमंद?
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स औद्योगिक रूप से तैयार किए गए फूड्स होते हैं जो कई घरों में खानपान का मुख्य हिस्सा हैं. जबकि उन्हें सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से जोड़ा जा चुका है. मुख्य रूप से ऐसे फूड्स स्वाद, सुविधा और कम लागत के लिए तैयार किए जाते हैं. इनके निर्माण में पोषक तत्वों को प्राथमिकता नहीं दी जाती है. इनमें आम तौर पर पांच या उससे ज्दादा तत्व होते हैं और शुगर और फैट की मात्रा ज़्यादा होती है. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में स्वाद बढ़ाने वाले फूड्स खाने के सामान में मिलाने वाले रंग, मिठास और प्रीजर्वेटिव्स के साथ ही संशोधित स्टार्च और हाइड्रोजनीकृत फैट जैसे कंपाउंड शामिल होने की संभावना होती है.
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666 लोगों की एमआरआई इमेजिंग का विश्लेषण कर सामने आई रिपोर्ट
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स पर हुई इस नई स्टडी में रिसर्च टीम ने 666 व्यक्तियों की एमआरआई इमेजिंग का विश्लेषण किया. उन सभी लोगों ने एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन ऑस्टियोआर्थराइटिस इनिशिएटिव ट्रस्टेड सोर्स में भाग लिया था. प्रतिभागियों की औसत आयु 60 वर्ष थी और इसमें 455 पुरुष और 211 महिलाएं शामिल थीं. उनका औसत बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 27 था. किसी को भी अभी तक ऑस्टियोआर्थराइटिस नहीं हुआ था. स्टडी में सामने निष्कर्ष को हाल ही में एक मेडिकल जर्नल में पब्लिश किया गया था.
आखिर क्यों नुकसानदेह हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स?
स्टडी करने वाली टीम के मुताबिक, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वाले डाइट का सबसे संभावित ट्रिगर जो पूरे शरीर और विशेष रूप से जांघ की चर्बी को बढ़ाता है, वह अनाज है. इसके अलावा, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, सोडा, कैंडी, कुकीज़, जूस और अन्य पैकेज्ड फूड्स से सबसे ज्यादा प्रोसेस्ड शुगर का सेवन भी जांघों में फैट को जमा करता है.
इसके साथ ही प्रोसेस्ड नॉनवेज प्रोडक्ट्स से सोडियम, अत्यधिक रिफाइंड वसा और हाइड्रोजनीकृत तेल, तले हुए फूड मार्जरीन, ट्रांस वसा और चिप्स हैं. ये सभी प्रोसेस्ड फूड ग्लूकोज, इंसुलिन, साइटोकिन्स और दूसरे नुकसानदेह अणुओं जैसे फ्री पार्टिकल्स या प्रो-इंफ्लेमेटरी फूड्स को रिलीज़ करते हैं. ये शरीर में दर्द को भी बढ़ाते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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