विज्ञापन
This Article is From Aug 24, 2022

Ayurvedic Oil: घाव, सूजन और चर्म रोगों में भी फायदेमंद है ये आयुर्वेदिक तेल, जानें बनाने का तरीका और फायदे

Ayurvedic Oil: इस तेल के इस्तेमाल से खुजली, घाव, सूजन और चर्म रोग में भी फायदा होता है. इस तेल को प्राकृतिक चीजों के साथ बनाकर तैयार किया जाता है. आइए जानते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं और इसके फायदे क्या-क्या हैं.

Ayurvedic Oil: घाव, सूजन और चर्म रोगों में भी फायदेमंद है ये आयुर्वेदिक तेल, जानें बनाने का तरीका और फायदे
Ayurvedic Oil: जानें कैसे बनता है जात्यादि तेल.

आयुर्वेद इतना संपन्न है कि इसमें कई सारे रोगों का काट मौजूद है. ये औषधियां सेहत से जुड़ी कई समस्याओं में रामबाण का भी काम करती हैं. आयुर्वेद की इन्हीं औषधियों में से एक है जात्यादि तेल. इस तेल के इस्तेमाल से खुजली,  घाव, सूजन और चर्म रोग में भी फायदा होता है. इस तेल को प्राकृतिक चीजों के साथ बनाकर तैयार किया जाता है. आइए जानते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं और इसके फायदे क्या-क्या हैं.

जात्यादि तेल बनाने के लिए सामग्री- 

सामग्री:

जातिपत्र- 10 ग्राम

करंज- 10 ग्राम

तुत्थ- 10 ग्राम

हरीतकी- 10 ग्राम

पद्माख- 10 ग्राम

निम्बपत्र- 10 ग्राम

पटोल पत्र- 10 ग्राम

सिक्थ- 10 ग्राम

कुष्ठ- 10 ग्राम

सारिवा - 10 ग्राम

नीलोत्पल -10 ग्राम

लोध्र - 10 ग्राम

मुलेठी- 10 ग्राम

कुटकी- 10 ग्राम

हरिद्रा- 10 ग्राम

मंजिष्ठा - 10 ग्राम

दारुहरिद्रा - 10 ग्राम

तिल तेल - 768 ग्राम

पानी – 3 लीटर

Health Tips: कब नहीं पीना चाहिए पानी, मलाइका अरोड़ा ने बताए गलत समय में पानी पीने के नुकसान

विधि:

  • जात्यादि तेल को बनाने के लिए पहले द्रव्य सामग्री को अलग कर देते हैं.
  • अब जिन औषधियों का पाउडर तैयार होता है, उन्हें एक साथ मिक्स करके लुग्दी तैयार कर ली जाती है.
  • तिल के तेल को लोहे की कड़ाही में गर्म करते हैं और फिर इस तेल में तैयार लुग्दी और पानी को डालकर अच्छी तरह से गर्म करते हैं.
  • तेल गर्म होने पर इसे एक बारीक छलनी से छान लिया जाता है.
  • अब बची सामग्री में थोड़ा-सा पानी मिलाकर फिर से तेल को गर्म करते हैं.
  • गर्म हो जाने पर इसे आंच से उतारकर ठंडा होने के बाद एक शीशी में भरकर रख देते हैं. इस तरह से आप जात्यादि तेल को तैयार कर सकते हैं.

जात्यादि तेल के फायदे- Jatyadi Oil Benefits:

1. घाव को करता है ठीक

जात्यादि तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. ये तेल घाव को सुखाने में मदद करता है, साथ ही घाव में बार-बार पस बनने की समस्या को दूर करने में भी कारगर है. इस तेल को घाव पर लगाते हैं तो घाव जल्दी सूख सकता है, लेकिन एक बार किसी जानकार से राय के बाद ही इस तेल का इस्तेमाल करें. 

Menopause Symptoms: महिलाओं में इस उम्र से पीरियड्स आने बंद हो जाएं तो 7 कॉमन हेल्थ इश्यू के लिए रहें तैयार

2. सूजन और दर्द से आराम

इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, इसके लगाने से दर्द में भी राहत मिल जाती है और सूजन भी कम हो सकती है. 

Paediatric Brain Tumor Signs: बच्चों में सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर की वजह से है कैसे करें पहचान, जानिए वार्निंग साइन

bkafg28o

3. जलन करे कम

जात्यादि तेल में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल दोनों ही गुण मौजूद होते हैं, जो स्किन पर होने वाले फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने का काम करता है. अगर स्किन इंफेक्शन के कारण जलन हो रही है, तो यह उसे ठीक करने में भी ये कारगर है.

4. बवासीर में लाभकारी

बवासीर रोगियों के लिए भी ये तेल काफी लाभकारी है. इस तेल को लगाने से बवासीर से हुए घाव ठीक हो सकते हैं. साथ ही दर्द भी कम हो सकता है. 

Heart Attack Sign And Symptoms: हार्ट अटैक और सडन कार्डिएक अरेस्ट में क्या होता है? किन लोगों को है ज्यादा जोखिम

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: