चाहे आप मधुमेह के रोगी हैं या नहीं, ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करना बेहद महत्वपूर्ण है. हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले कई खाद्य पदार्थ तेजी से शरीर में रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि करते हैं. अपने ब्लड शुगर के लेवल को नॉर्मल लेवल पर रखते हुए हेल्दी डाइट लेना बेहद जरूरी है. इसके लिए आपको कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना होगा. ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए आपको ताजे फल और सब्जियां और काम्पलेक्स कार्बोस की जरूरत होती है. लेकिन डायबिटीज के रोगियों को अपना ध्यान थोड़ा ज्यादा रखने की जरूरत होती है.
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डायबिटीज की दवाओं के साथ ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में सप्लीमेंट्स मदद कर सकते हैं. आइए जानते हैं इन सप्लीमेंट्स के बारे में:
1. प्रोबायोटिक
प्रोबायोटिक बॉडी को फायदेमंद बैक्टीरिया देते हैं जो पाचन, मेटाबॉलिज्म और इम्यून हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है. आपकी डाइट में पर्याप्त प्रोबायोटिक्स होने से बॉडी में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. प्रोबियोटिक जैसे दही, सॉवरक्रॉट, कोम्बुचा, अचार और केफिर को अपनी डाइट में शामिल करें.
2. गुड़मार
यह एक पौधा है जो बेल के रूप में होता है. इस पौधे की पत्तियां इंसुलिन के लेवल को बढ़ाने और ग्लूकोज के अवशोषण को कम करने में मदद करती हैं.
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3. दालचीनी
दालचीनी के ज्यादातर सप्लीमेंट्स दालचीनी पाउडर से बनाए जाते हैं. दालचीनी में ब्लड शुगर को कम करने वाले गुण भी होते हैं. यह चीनी को आपकी कोशिकाओं में रहने देता है और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है.
4. एलोवेरा
एलोवेरा में ब्लड शुगर को कम करने का गुण होता है. एलोवेरा से बने सप्लीमेंट्स फास्टिंग ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं. एलोवेरा पैंक्रिएटिक सेल्स में इंसुलिन के उत्पादन को तेज करने के लिए जाना जाता है.
5. विटामिन डी
विटामिन डी की कमी टाइप 2 मधुमेह का एक कारण है. विटामिन डी लेने से पैंक्रिएटिक सेल्स के कार्य में सुधार करने में मदद मिलती है, जो इंसुलिन बनाती है.
6. मैगनीशियम
अधिकांश टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में मैग्नीशियम की कमी पाई जाती है. मैग्नीशियम की कमी उन लोगों में भी आम है, जिनके ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल नहीं होता. मैग्नीशियम लेने से इंसुलिन सिक्रीशन को सामान्य करने और शरीर के टीश्यू में इंसुलिन की क्रिया को सामान्य करने में मदद मिलती है.
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7. क्रोमियम
क्रोमियम की कमी शरीर में चीनी को कार्बोस में परिवर्तित करने की क्षमता को कम कर देती है. यह बदले में शरीर में इंसुलिन की जरूरतों को बढ़ाता है. क्रोमियम, इंसुलिन के इफेक्ट में सुधार करने में मदद कर सकती है. इतना ही नहीं ये इंसुलिन उत्पन्न करने के लिए पैंक्रिएटिक सेल्स का सपोर्ट करते हैं.
8.अल्फ़ा लिपोइक एसिड
अल्फ़ा लिपोइक एसिड एक फैट और पानी में घुलने वाला एंटीऑक्सिडेंट होता है जो शरीर के फ्री रैडिकल को कंट्रोल करता है. यह आपकी बॉडी के पार्ट और टिश्यू की रक्षा करता है. ब्लड शुगर के लेवल को बैलेंस करने के अलावा यह अल्फा-लिपोइक एसिड ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है. इससे इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है और ब्लड शुगर के लेवल को सामान्य करने में मदद मिलती है.
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9. मेथी के बीज
मानो या नहीं, लेकिन मेथी वास्तव में बॉडी में ब्लड शुगर के लेवल को रेगुलेट करने में मदद कर सकती है. इतना ही नहीं मेथी के बीज पाचन और कार्बोज अवशोषण को धीमा करने में मदद करते हैं, जिससे बॉडी में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. मेथी का सेवन इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है.
10. बर्बरीन
बर्बेरिन जड़ी-बूटी नहीं है, इसका टेस्ट हल्का कड़वा होता है. इसे पीत कंद और फेल्लोडेंडरों से लिया जाता है. डायबिटीज की दवाओं के साथ बर्बेरिन लेने से ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद मिलती है.
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