भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान शुभमन (Shubman Gill) गिल को गर्दन में चोट लगने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गिल को कोलकाता टेस्ट मैच(Kolkata Test Match) के दूसरे दिन स्लॉग स्वीप करने के प्रयास में गर्दन में चोट (Neck Injury) लगी थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. हॉस्पिटल सूत्रों के अनुसार, गिल की हालत में सुधार हुआ है और उनकी हालत स्थिर है. कल रात की तुलना में उनका दर्द कम हुआ है और एमआरआई रिपोर्ट में कोई गंभीर समस्या नहीं दिख रही है. गिल ने नाश्ता कर लिया है और फिलहाल अस्पताल के बिस्तर पर बैठकर टीवी पर भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका का तीसरा मैच देख रहे हैं.
कैसे लगी थी चोट?
गिल को साइमन हार्मर की गेंद पर स्लॉग स्वीप करने के प्रयास में गर्दन में क्रैम्प्स आ गई थी, जिसके बाद उन्हें रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान छोड़ना पड़ा. उनकी गर्दन में दर्द और सूजन की शिकायत है और डॉक्टर उनकी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. मैच के दौरान शुबमन गिल के गर्दन में अचानक खिंचाव (स्पाज़्म) हुआ, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था. चूंकि गर्दन के आसपास की मांसपेशियों और नसों को अचानक झटका लगना, खिंचाव या मोच हो सकती है इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट इसे हल्के में नहीं लेते.
स्वास्थ्य के नजरिए से क्या चिंताएं हैं?
- गर्दन की मांसपेशियों में स्पाज्म होना अक्सर लंबे समय के तनाव, खराब पॉजिशन, नींद पूरी न होना, या अचानक झटका के कारण होता है.
- अगर चोट की शुरुआत को नजरअंदाज़ किया जाए, तो रोजमर्रा की एक्टिविटीज में दर्द, चलने-फिरने में तकलीफ, सिरदर्द या बाजू में झनझनाहट जैसी समस्या सामने आ सकती है.
- खासतौर से स्पोर्ट्स में, गर्दन की चोट से सिर और ब्रेन तक ब्लड फ्लो या नसों पर असर भी हो सकता है. इसलिए तुरंत मेडिकल हेल्थ बेहद जरूरी है.
आम लोगों के लिए सीखें
सही अनुभव: अगर आप सुबह उठते हैं और गर्दन में खिंचाव महसूस करते हैं, उसे हल्के में न लें.
मॉडल मुद्रा अपनाएं: लंबे समय तक बैठने या स्क्रीन देखने के दौरान गर्दन को सीधा रखें, अक्सर ब्रेक लें.
स्ट्रेचिंग करें: गर्दन के लिए हल्के-हल्के स्ट्रेच करें. बगल में ढलित हो कर सिर हल्के से घुमाना, कंधे ऊपर-नीचे करना.
चोट लगते ही आराम करें: तुरंत बर्फ का पैक लगाने से सूजन कम होती है और मांसपेशियों को राहत मिलती है.
मेडिकल हेल्प लें: अगर दर्द 24-48 घंटे में कम नहीं होता या बाजू-पैरों में झनझनाहट, कमजोरी महसूस हो, मेडिकल सलाह लें.
कितना खतरनाक है ये नेक क्रैम्प्स?
नेक क्रैम्प्स एक आम समस्या है जो गर्दन की मांसपेशियों में होती है. यह समस्या तब होती है जब गर्दन की मांसपेशियां अचानक से तनावग्रस्त हो जाती हैं और दर्दनाक हो जाती हैं. नेक क्रैम्प्स की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन यह समस्या अधिकतर 30-50 साल के लोगों में देखी जाती है.
नेक क्रैम्प्स के कारण | Causes of Neck Cramps
गलत बैठने की स्थिति: गलत बैठने की स्थिति में गर्दन की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे नेक क्रैम्प्स हो सकता है.
तनाव: तनाव के कारण गर्दन की मांसपेशियां तनावग्रस्त हो जाती हैं, जिससे नेक क्रैम्प्स हो सकता है.
चोट: गर्दन में चोट लगने से नेक क्रैम्प्स हो सकता है.
ज्यादा समय तक एक ही स्थिति में बैठना: ज्यादा समय तक एक ही स्थिति में बैठने से गर्दन की मांसपेशियों में तनाव आ सकता है, जिससे नेक क्रैम्प्स हो सकता है.
नेक क्रैम्प्स के लक्षण | Symptoms of neck cramps
नेक क्रैम्प्स के कुछ प्रमुख लक्षण हैं:
- गर्दन में दर्द: गर्दन में दर्द और तनाव महसूस होना.
- गर्दन की मांसपेशियों में तनाव: गर्दन की मांसपेशियों में तनाव और कठोरता महसूस होना.
- गर्दन को हिलाने में कठिनाई: गर्दन को हिलाने में कठिनाई और दर्द महसूस होना.
नेक क्रैम्प्स से बचाव कैसे करें? | How to prevent neck cramps
- सही बैठने की स्थिति: सही बैठने की स्थिति में बैठना चाहिए.
- तनाव कम करना: तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करना चाहिए.
- नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना चाहिए.
- गर्दन की मांसपेशियों को आराम देना: गर्दन की मांसपेशियों को आराम देने के लिए गर्म या ठंडे पैक का उपयोग करना चाहिए.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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