
Benefits of Shirshasana: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हम जब योगासनों के फायदों की बात करते हैं, तो 'शीर्षासन' को खासतौर याद किया जाता है. इसे 'आसन का राजा' कहा जाता है, क्योंकि यह सिर से लेकर पैर तक पूरे शरीर को फायदा देता है. इस आसन में व्यक्ति का सिर नीचे और पैर ऊपर होते हैं. इससे खून का बहाव उल्टी दिशा में यानी सिर की तरफ होता है, जिससे दिमाग को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है. इससे सिरदर्द, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं. इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से आत्मविश्वास और एकाग्रता में भी बढ़ोतरी होती है. साथ ही अनेकों फायदे भी मिलते हैं.
शीर्षासन करने के फायदे (Benefits of Doing Shirshasana)
1. याददाश्त, एकाग्रता बढ़ती है
शीर्षासन ब्रेन के लिए बेहद लाभकारी है. इसके अभ्यास से सिर की ओर ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे ब्रेन को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है. यह याददाश्त, एकाग्रता और सोचने की क्षमता को बेहतर बनाता है. साथ ही तनाव, चिंता और डिप्रेशन को कम करने में सहायक होता है. यह मानसिक संतुलन को मजबूत करता है.
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2. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
शीर्षासन करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, खासकर सिर की ओर. जब हम उल्टा खड़े होते हैं, तो हार्ट से ब्रेन तक ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है. इसका असर त्वचा और बालों पर भी दिखाई देता है, त्वचा में चमक आती है, बालों का झड़ना कम होता है और कई तरह की त्वचा संबंधित समस्याएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं.
3. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
इस आसन से पाचन तंत्र को काफी फायदा मिलता है. यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है. जब आप उल्टा होकर इस आसन को करते हैं, तो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है.
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4. मसल्स को मजबूत बनाता है
इस आसन से हाथ और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, क्योंकि शरीर का पूरा वजन इन्हीं पर टिका होता है. साथ ही यह गर्दन, सिर और पीठ की मांसपेशियों को भी ताकत देता है और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.
किन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी
यूं तो शीर्षासन कई फायदे देता है, लेकिन कुछ लोगों को इसे करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें यह आसन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. माइग्रेन या लगातार सिरदर्द से परेशान लोग इस आसन से दूर रहें, क्योंकि इससे परेशानी बढ़ सकती है. गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह आसन सुरक्षित नहीं है, इसलिए उन्हें इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, अगर किसी को रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई समस्या है तो उन्हें भी शीर्षासन करने से बचना चाहिए.
कैसे करें शीर्षासन?
चलिए अब आपको बताते हैं कि शीर्षासन कैसे करें, पहले अपने पैरों को दीवार के सहारे टिकाएं और धीरे-धीरे उन्हें दीवार पर ऊपर की ओर ले जाएं. इस दौरान अपना वजन हाथों पर रखें, ताकि शरीर का संतुलन बना रहे. फिर अपने सिर को चटाई पर सावधानी से रखें और धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं, जिससे शरीर शीर्षासन की सही स्थिति में आ सके. इस आसन को करते समय संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है, जिसमें आपकी भुजाएं और कंधे मदद करते हैं. शुरुआत में दीवार का सहारा लेना बेहतर होता है, इससे आसन करना आसान और सुरक्षित रहता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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