विज्ञापन

वैज्ञानिकों ने की बचपन के शुरुआती विकास में अहम ब्लड मेटाबोलाइट्स की पहचान

शोधकर्ताओं की एक टीम ने रक्त में छोटे अणुओं की पहचान की है, जो बचपन के शुरुआती विकास को प्रभावित कर सकते हैं. मैकमास्टर विश्वविद्यालय की टीम ने दिखाया है कि किस प्रकार आहार संबंधी जानकारी, प्रारंभिक जीवन के अनुभव और आंत का स्वास्थ्य बच्चे के विकास और कॉग्निटिव माइलस्टोन को प्रभावित कर सकते हैं.

वैज्ञानिकों ने की बचपन के शुरुआती विकास में अहम ब्लड मेटाबोलाइट्स की पहचान

शोधकर्ताओं की एक टीम ने रक्त में छोटे अणुओं की पहचान की है, जो बचपन के शुरुआती विकास को प्रभावित कर सकते हैं. मैकमास्टर विश्वविद्यालय की टीम ने दिखाया है कि किस प्रकार आहार संबंधी जानकारी, प्रारंभिक जीवन के अनुभव और आंत का स्वास्थ्य बच्चे के विकास और कॉग्निटिव माइलस्टोन को प्रभावित कर सकते हैं. टीम ने ब्राजील के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर ब्राजील के राष्ट्रीय बाल पोषण सर्वेक्षण के एक भाग के रूप में छह महीने से पांच वर्ष की आयु के 5,000 से अधिक बच्चों से लिए गए रक्त के नमूनों का एक मेटाबोलोमिक विश्लेषण किया.

उन्होंने कुछ छोटे अणुओं (मेटाबोलाइट्स) को पाया, जो मानव मेटाबॉलिज्म और माइक्रोबियल फर्मेंटेशन के बाई-प्रोडेक्ट हैं. ये अणु, जिन्हें यूरेमिक टॉक्सिन कहते हैं, बच्चों के विकास से उल्टा संबंध रखते थे. मेटाबोलाइट्स मानव स्वास्थ्य में विशेष रूप से जीवन के प्रारंभिक चरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. रसायन विज्ञान और रासायनिक जीवविज्ञान विभाग के प्रोफेसर फिलिप ब्रिट्ज-मैककिबिन ने बताया, "हमारे निष्कर्षों से आहार, आंत के स्वास्थ्य और बच्चे के विकासात्मक प्रगति के बीच जटिल संबंधों का पता चलता है."

फेमस न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया पानी पीने का सही तरीका, आप भी पीते हैं सादा पानी, तो आज से ही बदल दें अपनी ये आदत!

उन्होंने ईलाइफ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में बताया कि बच्चे के समग्र विकास से संबंधित विशिष्ट मेटाबोलाइट्स की पहचान करके, हम इस बारे में गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं कि किस प्रकार संभावित रूप से परिवर्तनीय जोखिम कारक बच्चों में वृद्धि और कॉग्निटिव विकास को बढ़ावा दे सकते हैं. शोधकर्ताओं ने खून में मौजूद उन मेटाबोलाइट्स पर ध्यान दिया जो बच्चों के दिमागी विकास के शुरुआती चरण से जुड़े थे. इसके लिए उन्होंने डेवलपमेंटल कोशेंट (डीक्यू) नामक एक माप का उपयोग किया.

विश्व स्वास्थ्य संगठन इस माप का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करता है कि क्या बच्चे सामाजिक और दिमागी विकास में अपनी आयु के अनुसार विकसित हो रहे हैं. इससे पता चला कि कुछ खास मेटाबोलाइट्स, जो ज्यादातर किडनी की बीमारी से जुड़े होते हैं, अगर थोड़े ज्यादा हों तो बच्चों में सूजन और विकास में देरी हो सकती है. ब्रिट्ज-मैककिबिन ने कहा, " "रोचक बात यह है कि ये मेटाबोलाइट्स आंत और दिमाग के रिश्ते से जुड़े हैं. यानी हेल्दी माइक्रोबायोम बच्चों के दिमागी और सामाजिक विकास में बड़ी भूमिका निभा सकता है."

इन निष्कर्षों के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. इनसे बच्चों में विकास की देरी को जल्दी पकड़ने और उसका इलाज करने के नए रास्ते खुल सकते हैं. ये सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों और प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास कार्यक्रमों को भी बेहतर ढंग से सूचित कर सकते हैं, तथा मातृ पोषण, आहार की गुणवत्ता और स्तनपान के महत्व पर बल दे सकते हैं.

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com