Winter Health Care: सर्दियों का मौसम जितना खूबसूरत होता है, उतना ही शरीर के लिए एक खतरनाक भी साबित हो सकता है. इस मौसम में डिहाइड्रेशन का सबसे बड़ा खतरा बना रहता है. गर्मियों में तो हमें लगातार प्यास लगती है और हम पानी पीते रहते हैं, लेकिन जैसे ही तापमान गिरता है, तो लोगों को प्यास कम लगने लगती है. विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में कम पानी पीने की आदत शरीर के लिए कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है.
ठंड में प्यास कम क्यों लगती है?
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के अनुसार, ठंड के मौसम में शरीर के अंदर खून की नसें सिकुड़ जाती हैं. यह प्रक्रिया शरीर की गर्मी को बचाने के लिए होती है. जब नसें सिकुड़ती हैं, तो दिमाग तक खून का प्रवाह भी कम हो जाता है. ऐसे में प्यास को महसूस करने वाला दिमाग का सेंटर शरीर में पानी की कमी का सटीक आकलन नहीं कर पाता. इसके चलते हमें कम प्यास महसूस होती है, जबकि असल में शरीर को पानी की जरूरत उतनी ही होती है, जितनी गर्मियों में होती है. इसे वैज्ञानिक रूप से 'थर्मल डिहाइड्रेशन' कहा जाता है.
रेस्पिरेटरी फ्लूइड लॉस
सर्दियों में हवा की नमी भी बहुत कम होती है. जब हम ठंडी हवा सांस के माध्यम से अंदर लेते हैं और गर्म हवा बाहर छोड़ते हैं, तो शरीर से पानी वाष्प के रूप में बाहर निकलता है. इस प्रक्रिया को 'रेस्पिरेटरी फ्लूइड लॉस' कहा जाता है. यह पानी की कमी हमें दिखाई नहीं देती, लेकिन शरीर धीरे-धीरे डिहाइड्रेट होने लगता है.
पानी की कमी
इसके अलावा, भारी कपड़े और स्वेटर पहनने से हल्का पसीना आता है, जो सूखी हवा में जल्दी सूख जाता है. इसलिए हमें यह एहसास नहीं होता कि हमारा शरीर लगातार पानी खो रहा है.
हीटर और ब्लोअर
घर या ऑफिस में इस्तेमाल होने वाले हीटर और ब्लोअर भी हानिकारक साबित हो सकते हैं. ये उपकरण हवा की नमी को सोख लेते हैं, जिससे हमारी त्वचा, गले और नाक से अतिरिक्त नमी बाहर निकल जाती है. यही कारण है कि सर्दियों में अक्सर मुंह सूखना या गले में खराश जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं.
चाय या कॉफी
इसके अलावा, कई लोग ठंड से राहत पाने के लिए चाय या कॉफी जैसी गर्म ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं. हालांकि ये पेय गर्मी तो देते हैं, लेकिन शरीर को पानी की कमी पूरी तरह से नहीं भरते और अधिक कैफीन लेने से डिहाइड्रेशन और बढ़ सकता है.
डिहाइड्रेशन के लक्षण
डिहाइड्रेशन के लक्षण कई रूपों में सामने आते हैं. शरीर थकान महसूस करता है, ऊर्जा कम हो जाती है, त्वचा सूखी और फटी हुई दिख सकती है, और फटे होंठ, कब्ज, दिमाग की धीमी गति और गहरा पीला पेशाब इसके संकेत हैं. लंबे समय तक डिहाइड्रेशन मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है, इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकता है और पाचन या किडनी में समस्याएं पैदा कर सकता है.
सर्दियों में कैसे रहें हाइड्रेटेड
सर्दियों में हाइड्रेटेड रहने के लिए कुछ आसान आदतें अपनाई जा सकती हैं. सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना डाइजेस्टिव सिस्टम को सक्रिय करता है और पूरे दिन पानी पीने की आदत बनाने में मदद करता है. पानी की बोतल को बार-बार नजर में रखना और हर 90 मिनट में पानी पीने का अलार्म लगाना इसे और आसान बना देता है. खाने में पानी से भरपूर चीजें जैसे सूप, तरबूज, खीरा, संतरा और अंगूर शामिल करना शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है. चाय या कॉफी से पहले एक गिलास पानी पीना भी जरूरी है, ताकि कैफीन के कारण शरीर का पानी संतुलन बिगड़े नहीं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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