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This Article is From Dec 28, 2021

Pregnancy Care: कैसे कैलकुलेट करते हैं ड्यू डेट, कब मिलें डॉक्टर से, शुरुआती महीनों में किन बातों का रखें ध्यान

प्रेगनेंसी का अहसास होते ही डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना ही बेहतर होता है. अक्सर पीरियड्स में अनियमितता होने की वजह से इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कुछ लक्षणों पर ध्यान देना भी जरूरी है.

Pregnancy Care: कैसे कैलकुलेट करते हैं ड्यू डेट, कब मिलें डॉक्टर से, शुरुआती महीनों में किन बातों का रखें ध्यान
गर्भावस्था से जुड़े अहम सवालों के जवाब.

घर में नन्हे मेहमान के आने की आहट आती है तो बेचैनी भी बढ़ जाती है कि वो नन्हीं सी जान जिंदगी में कब दस्तक देगी. डॉक्टर से कब मिलें? अपना ध्यान कैसे रखें? क्या खाएं, क्या न खाएं? ऐसे तमाम सवाल हैं जो दिलो-दिमाग पर हावी रहते हैं. कंसीव करने के बाद हर दिन एक नई सोच, नए सवाल और नई उम्मीद के साथ आता है. आप भी इस दौर से गुजरने वाली हों या गुजर रही हों तो ये जरूर जानने की इच्छी होगी कि आपकी ड्यू डेट कब होगी.  डॉक्टर से मिलना कब ठीक रहेगा. चलिए जानते हैं ऐसे तमाम सवालों के जवाब.

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कैसे जानें ड्यू डेट?

ड्यू डेट यानि कि वो तारीख जिसके आसपास आपकी डिलिवरी हो सकती है. अक्सर डॉक्टर भी ड्यू डेट बताते हैं. आप चाहें तो खुद भी ड्यू डेट कैलकुलेट कर सकती हैं. ड्यू डेट जानने के लिए आपको सबसे पहले अपनी पीरियड की डेट को फाइल में नोट करना पड़ेगा. इसके आधार पर आप महीने गिन कर अपनी डेट जान सकती हैं. ये जरूर ध्यान रखें कि जो डेट्स लास्ट पीरियड्स की थी नौ महीने बार उसी डेट पर डिलीवरी होगी ऐसा जरूरी नहीं है. ये डेट आगे पीछे हो सकती है.

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डॉक्टर से कब मिलें?

प्रेगनेंसी का अहसास होते ही डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना ही बेहतर होता है. अक्सर पीरियड्स में अनियमितता होने की वजह से इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कुछ लक्षणों पर ध्यान देना भी जरूरी है. अगर आपको सुबह उठकर मतली आने जैसा अहसास हो. कुछ खाने पर उल्टी जैसा महसूस हो. ऐसे कोई भी लक्षण आने पर और पीरियड्स न आने पर डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं. एक बार श्योर होने के लिए आप घर पर ही किट से टेस्ट भी कर सकते हैं. ध्यान रखें कि टेस्ट कंफर्म हो या न हो अगर लक्षण नजर आ रहे हैं तो डॉक्टर से मिलने में ही समझदारी है.

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·         प्रेग्नेंसी में पहले तीन महीने बहुत खास होते हैं. इस दौरान गर्भवती महिला सबसे ज्यादा हार्मोनल बदलाव से गुजरती है. भ्रूण का विकास भी इसी समय ज्यादा होता है. इसलिए कई तरह की सावधानियां रखनी चाहिए.

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·         पहले तीन महीने में किसी भी दवा के सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए. कुछ दवाओं का असर भ्रूण में पल रहे शिशु की सेहत पर भी पड़ सकता है.

·         डाइट में लिक्विड की मात्रा भी थोड़ी ज्यादा रखें. छाछ, नींबू पानी, फलों का जूस, नारियल पानी या शेक पीते रहें. शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहना जरूरी है.

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·         इस दौरान चलते फिरते समय भी ध्यान रखना जरूरी हैं. कहीं जाएं तो ज्यादा खराब रास्तों पर ट्रेवल न करें. ऐसे काम न करें जिनका प्रेशर सीधे पेट पर पड़े. साथ ही भारी सामान उठाने से भी बचें.

·         डॉक्टर से नियमित अंतराल के बाद सलाह लेते रहें.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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First Trimester Of Pregnancy, How To Calculate Due Date In Pregnancy, गर्भावस्था में सावधानियां
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