Overthinking Kaise Kam Kare: किसी भी बात को लेकर थोड़ी देर सोचना नॉर्मल बात है, लेकिन अगर आप उस छोटी सी बात को लेकर पूरा दिन सोच में हैं, तो यह आदत आगे चलकर कई बीमारियों को बुलावा दे सकती है. ओवरथिंकिंग न सिर्फ दिमाग पर असर डालती है, बल्कि नींद, सेहत और रिश्तों पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती है. अगर आप भी इस आदत के शिकार हैं, तो स्टोरी में बने रहिए. डॉक्टर शालिनी सिंह (एमबीबीएस, एमडी, फाउंडर माय एक्सपर्ट) ने अपने इंस्टाग्राम पर एक रील साझा कर बताया कि ओवरथिंकिंग क्यों होती है और इसे रोकने के आसान उपाय क्या हैं.
ओवरथिंकिंग को कैसे खत्म करें?
ओवरथिंकिंग का क्या मतलब होता है?
ओवरथिंकिंग का मतलब होता है, जब कोई इंसान किसी बीती हुई एक ही बात को बार-बार सोचता रहता है और उसका कोई हाल नहीं निकाल पता है. ऐसा करने से दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
ओवरथिंकिंग को कैसे रोकें?
विचारों को लिखें: जब भी आपके कोई विचार आए, उसे सोचन के बजाय एक पेपर लें और उसपर लिख दें. ऐसा करने दिमाग कई हद तक शांत हो जाएगा. ओवरथिंकिंग को रोकने का यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है.
3 मिनट रूल: जब आप किसी भी प्रॉब्लेम को 3 मिनट में हल न कर पाएं, तो उसे सोचना बंद कर दें. ऐसा करने से आपका दिमाग ज्यादा उस बात के बारे में नहीं सोचेगा और आप ओवरथिंकिंग करने से बच सकेंगे.
बॉक्स ब्रीदिंग: बॉक्स ब्रीदिंग को अपनाएं. हर एक से दो घंटे में एक से दो बार बॉक्स ब्रीदिंग करने की आदत डालें. इसका मतलब है 4-4-4-4 सांस लेना, रोकना, छोड़ना, रोकना, ऐसा करें से आप अपने दिमाग को शांत रख सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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