
Immunity Kaise Badhaye: 25 मई से नौतपा की शुरुआत हो चुकी है, यानी कि नौ दिनों तक धरती तपिश में रहती है. जानकारी के अनुसार पृथ्वी और सूर्य के बीच इस दरमियान दूरी कम हो जाती है, जिससे तपन शुरू हो जाती है. इस तपन, गर्म हवा और उमस के बाद किसी चीज का इंतजार रहता है तो वो है ठंडक, जो बारिश देती है. लेकिन, झमाझम बारिश में भीगने से पहले विशेषज्ञ कुछ एहतियात बरतने को कहते हैं, जिससे आपकी खुशी के रंग में भंग न पड़े. झमाझम हो या नन्हीं बूंदें, इन्हें देखते ही मन तरोताजा हो उठता है. हालांकि, इस दौरान कमजोर इम्युनिटी की वजह से कई समस्याएं भी आपके घर बिन बुलाए मेहमान की तरह पहुंच सकती हैं.
इस बीच देश के कई राज्यों से कोरोना के मामले भी सामने आए हैं. हेल्थ एक्सपर्ट ऐसी कई चीजों के सेवन की सलाह देते हैं, जिससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है. खास बात है कि ये चीजें आमतौर पर भारतीय रसोईघरों में मौजूद होती हैं.
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इम्यूनिटी को मजबूत कैसे बनाएं?
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि हम अपनी इम्यूनिटी को मजबूत कैसे बना सकते हैं. उन्होंने बताया, "इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स के बारे में बहुत बात करते हैं, खासकर मानसून के आसपास. लेकिन, सच यह है कि अगर आपका पेट खुश नहीं है, तो आपकी इम्यूनिटी भी खुश नहीं रह सकती. याद रखिए कि 70 प्रतिशत इम्यून सेल्स हमारी आंत में होती हैं. ऐसे में अगर गट हेल्थ और पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं है, तो वह विटामिन सप्लीमेंट, जिंक, विटामिन डी को अवशोषित नहीं कर सकता."
हेल्दी गट के लिए गर्म खाना खाएं
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, ज्यादा एंटीबायोटिक्स का सेवन या ज्यादा तनाव होने पर माइक्रोबायोम खराब हो जाता है या जिसे ‘लीकी गट' कहा जाता है. अपने माइक्रोबायोम को मजबूत करने के लिए गर्म खाने का सेवन करना चाहिए और गुनगुने पानी में अजवाइन-जीरा, सौंफ डालकर पीना चाहिए.
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आंतों को हेल्दी रखने के लिए क्या खाएं?
मुलेठी, त्रिफला, जीरा, एलोवेरा, अजवाइन, सौंफ भी आंत की परत को आराम पहुंचाते हैं और सूजन को भी कम करते हैं. त्रिफला डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है, जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है, उनके लिए भी त्रिफला बेहतर ऑप्शन है. त्रिफला आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है.
जीरा का काम एंजाइम्स को उत्तेजित करना होता है. यह एपिजेनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो आंत के लिए फायदेमंद होता है. अजवाइन के सेवन से गैस और सूजन को कम किया जा सकता है. इसमें थाइमोल होता है, जो एक प्राकृतिक रोगाणुरोधी और एंटीस्पास्मोडिक है.
सौंफ आंत की परत को आराम पहुंचाता है और क्रैम्प्स से राहत देती है. इसमें एनेथोल होता है, जिसमें ऐंठन-रोधी और हल्की एस्ट्रोजेनिक एक्टिविटीज होती है. हार्मोनल बदलावों के दौरान महिलाओं के लिए यह बोनस की तरह होता है. यह सूजन को शांत करता है और पाचन को सुचारू बनाता है, खासकर भारी या मसालेदार भोजन के बाद.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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