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सेक्सुअल डिजीज STD और STI क्या हैं? कौन से लक्षण दिखने पर हो जाएं सतर्क? इस तरह कर सकते हैं बचाव

STI vs STD Difference: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में यौन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है. खासकर जब बात आती है सेक्सुअल डिजीज की. STI और STD ये दोनों शब्द अक्सर एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनमें थोड़ा फर्क होता है.

सेक्सुअल डिजीज STD और STI क्या हैं? कौन से लक्षण दिखने पर हो जाएं सतर्क? इस तरह कर सकते हैं बचाव
What Are STDs and STIs: यौन संचारित संक्रमण के लक्षण संपर्क में आने के कुछ दिनों बाद दिखाई दे सकते हैं.

STI vs STD Difference: यौन संचारित रोग (STD) और यौन संचारित संक्रमण (STI) ये दोनों शब्द अक्सर एक-दूसरे के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन इनमें थोड़ा फर्क होता है. STD यानी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) का मतलब है वो बीमारियां जो यौन संपर्क से फैलती हैं और जिनके लक्षण दिखाई देते हैं. वहीं STI यानी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually Transmitted Infection) का मतलब है वह संक्रमण जो यौन संपर्क से फैलता है, लेकिन जरूरी नहीं कि उसके लक्षण तुरंत दिखें.

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एसटीडी के लक्षण (Symptoms of STD)

एसटीडी के कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें कोई लक्षण न दिखना भी शामिल है. यही कारण है कि यौन संचारित संक्रमण तब तक नजरअंदाज़ रह सकते हैं जब तक कि व्यक्ति को कोई परेशानी न हो या पार्टनर का डायग्नोस न हो जाए.

एसटीआई के लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:

  • जननांगों पर, मुंह या मलाशय क्षेत्र में घाव या उभार.
  • पेशाब में दर्द या जलन.
  • लिंग से स्राव.
  • असामान्य या दुर्गंधयुक्त योनि स्राव.
  • असामान्य योनि से ब्लीडिंग.
  • संभोग के दौरान दर्द.
  • दर्द और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां, खासतौर से कमर में लेकिन कभी-कभी ज्यादा फैल जाती हैं.
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द.
  • बुखार.
  • धड़, हाथों या पैरों पर चकत्ते.
  • थकान.

यौन संचारित संक्रमण के लक्षण संपर्क में आने के कुछ दिनों बाद दिखाई दे सकते हैं. लेकिन, आपको कोई भी ध्यान देने योग्य समस्या होने में साल लग सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि एसटीआई का कारण क्या है.

यौन संचारित संक्रमण (STI) कैसे फैलते हैं?

STI बैक्टीरिया, वायरस या परजीवियों के कारण होते हैं. ये संक्रमण यौन संपर्क के दौरान शरीर के द्रवों जैसे ब्लड, स्पर्म, ​​योनि स्राव या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं.

फैलने के मुख्य तरीके:

  • असुरक्षित यौन संबंध (बिना कंडोम के)
  • संक्रमित व्यक्ति के साथ ओरल, वजाइनल या एनल सेक्स
  • संक्रमित ब्लड या सुई का उपयोग
  • मां से बच्चे को गर्भावस्था या प्रसव के दौरान

आम यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं?

  • क्लैमाइडिया (Chlamydia): बैक्टीरिया से फैलता है, अक्सर बिना लक्षण के होता है
  • गोनोरिया (Gonorrhea): पेशाब में जलन और योनि/लिंग से स्राव
  • सिफलिस (Syphilis): त्वचा पर घाव, बुखार और बाद में गंभीर असर
  • एचपीवी (HPV): वायरस से फैलता है, गर्भाशय के कैंसर का कारण बन सकता है.
  • एचआईवी (HIV): इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, एड्स का कारण.
  • हर्पीज (Herpes): त्वचा पर फफोले और जलन.
  • ट्राइकोमोनास (Trichomoniasis): परजीवी से फैलता है, योनि में जलन और बदबूदार स्राव.

बचाव और समाधान

  • सुरक्षित यौन संबंध रखें: हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें.
  • नियमित जांच कराएं: खासकर अगर आप एक्टिव सेक्स लाइफ जी रहे हैं.
  • संक्रमण होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
  • अपने पार्टनर को भी जांच के लिए प्रेरित करें.

यौन संचारित रोग कोई शर्म की बात नहीं है, बल्कि यह एक मेडिकल कंडिशन है जिसे समय पर पहचानकर ठीक किया जा सकता है. विश्व यौन स्वास्थ्य दिवस हमें यही सिखाता है कि यौन स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना, जानकारी लेना और सही कदम उठाना ही असली जागरूकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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