
Male Contraceptive Pills: अब कंडोम और नसबंदी के अलावा भी होंगे पुरुष गर्भनिरोधक विकल्प.
Male Contraceptive Pill: महिलाओं को हमेशा से एक शिकायत रही है कि गर्भनिरोधन में ज्यादातर विकल्प केवल उनके लिए ही क्यों हैं. कॉपर टी लगवानी हो या फिर गर्भनिरोधक गोलियां खानी हों या फिर इसके लिए टीका ही क्यों न लगवाना हो, ज्यादातर गर्भनिरोधक महिलाओं के लिए है. पुरुषों के लिए मौजूदा गर्भनिरोधक विकल्प (Contraceptive choices for men) कंडॉम और नसबंदी (Condoms or vasectomy) ही हैं. अब कंडोम और नसबंदी के अलावा भी होंगे पुरुष गर्भनिरोधक विकल्प.
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तो उनकी इसी शिकायत का जवाब विज्ञान तलाश रहा है और इसके काफी करीब भी है. अब महिलाओं की गर्भनिरोधक गोलिओं की तरह के वैज्ञानिक पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक गोली (Male Contraceptive) बना रहे हैं. और अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिकों को इसमें एक सफलता मिली है.
खबर यह है कि वैज्ञानिकों ने एक गर्भनिरोधक दवा तैयार की है, जो अस्थायी रूप से चूहों में शुक्राणुओं को अपने रास्ते में आने से रोककर गर्भधारण को रोकने में मददगार है.
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित स्टडी के अनुसार इस गोली को संबंध बनाने से कुछ देर पहले लेना होगा.
ये अध्ययन एसएसी इनहिबिटर्स को पुरुषों के लिए ऑन-डिमांड गर्भ निरोधकों के रूप में परिभाषित करते हैं, और वे गर्भनिरोधक में पहले से अनुपयोगी प्रतिमानों के लिए विवो प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट प्रदान करते हैं. केवल एक खुराक के बाद ऑन-डिमांड गर्भनिरोधक और पुरुषों के लिए औषधीय गर्भनिरोधक.
इस स्टडी में बताया गया है कि sAC अवरोधक की एक खुराक, TDI-11861 चूहों के शुक्राणु को ढाई घंटे तक स्थिर कर देती है. स्टडी में बताया गया कि महिला प्रजनन के रास्ते में भी चूहे के शुक्राणु निष्क्रिय बने रहे. शोधकर्ताओं ने बताया कि तकरीबन 24 घंटे तक शुक्राणु सामान्य गति में आए.
अमेरिका की वील कॉर्नेल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि अब तक पुरुषों के लिए गर्भनिरोध का एकमात्र विकल्प कंडोम रहा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि पूर्व में पुरुषों के लिए बनाई जा रही गर्भनिरोध की गोलियों पर शोध इसलिए रोक दिया गया था क्योंकि उनके कई साइड इफेक्ट्स सामने आए थे.
स्टडी में बताया गया कि हार्मोनल दृष्टिकोण शुक्राणुजनन में हस्तक्षेप करके शुक्राणु उत्पादन को सफलतापूर्वक रोक सकते हैं.
पुरुष गर्भनिरोध की गोलियों पर स्टडी के सह-वरिष्ठ लेखकों लोनी लेविन और जोचेन बक की टीम ने पाया कि चूहों में आनुवांशिक रूप से एक महत्वपूर्ण सेलुलर सिग्नलिंग प्रोटीन, सॉल्यूबल एडेनलील साइक्लेज (sAC) कहा जाता है, की कमी होती है. शोधकर्ताओं ने कहा, 'यह गोली 30 मिनट से एक घंटे के भीतर काम करती है. यह अंडे को निषेचित करने में असमर्थ होने के लिए हफ्ता भर लग जाता है.'
इस स्टडी मे बताया गया कि इन चूहों ने सामान्य तरीके से संबंध बनाए और 52 बार संबंध बनाने के बाद भी मादा चुहिया गर्भवती नहीं हुईं.
आगे की राह की बात करें तो शोधकर्ता अब इसे प्रीक्लिनिकल मॉडल में दोहराएंगे और फिर इंसानों पर भी इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू होगा. अगर यह क्लिनिकल ट्रायल और इसके बाद के सारे पड़ावों पर खरी उतरती है, तो इस पुरुषों की गर्भनिरोधक गोली के तौर पर बाजार में भी उतारा जा सकेगा.