
Landslide Do's & Dont's : पहाड़ों की सुंदरता जितनी मनमोहक होती है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है, खासकर जब भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा दस्तक दे. बारिश के मौसम में या भूकंप के बाद, मिट्टी और पत्थरों का पहाड़ से नीचे खिसकना आम हो जाता है, जिसे हम भूस्खलन कहते हैं. यह आपदा कई जिंदगियां भी लील जाती हैं और बड़ा नुकसान पहुंचाती हैं. लेकिन क्या हम इसे रोक सकते हैं? शायद पूरी तरह नहीं, पर इसकी तबाही को कम जरूर कर सकते हैं, अगर हम पहले से तैयार रहें.
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भारत सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है. जिन इलाकों में बार-बार भूस्खलन होते हैं, उन्हें 'लैंडस्लाइड हैज़र्ड ज़ोनेशन (LHZ) मैप' के जरिए पहचाना जा रहा है. इन नक्शों में अलग-अलग रंगों से खतरनाक जगहों को दिखाया जाता है, ताकि लोग अलर्ट रहें. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भूस्खलन और बर्फीले तूफानों से बचने के लिए गाइडलाइन भी जारी की है. जिनके बारे में हम आपको डिटेल में बताने जा रहे हैं...
क्या करें - Do's
मौसम की जानकारी रखेंअगर आप किसी हिल स्टेशन के लिए निकल रहे हैं तो मौसम विभाग की चेतावनी जरूर देखें. मौसम खराब है तो यात्रा को टाल दें.
तुरंत सुरक्षित जगह जाएंभूस्खलन होने पर या उसके संकेतों पर बिना देर किए सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
नालियां साफ रखेंघर के आसपास की नालियों को कूड़े-कचरे जमा न होने दें, ताकि पानी का बहाव सही रहे.
पेड़ लगाएंज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, इनकी जड़ें मिट्टी को मज़बूत करती हैं.
संकेतों को पहचानेंजमीन या घरों में दरारें, मटमैला नदी का पानी (ऊपर भूस्खलन का संकेत) जैसे संकेतों पर ध्यान दें और तुरंत स्थानीय प्रशासन (तहसील/ज़िला मुख्यालय) को बताएं.
अजीब आवाजें
पेड़ों के टूटने या पत्थरों के टकराने जैसी आवाजों पर सतर्क रहें.
3A का नियम याद रखेंआपदा के समय 'अलर्ट, अवेक और एक्टिव' रहें.
आश्रय स्थल का लें सहाराअगर जरूरी हो, तो प्रशासन द्वारा बनाए गए आश्रय स्थलों पर जाएं.
घायलों की मदद करेंघायल या फंसे हुए लोगों को खोजें और मदद करें.
रास्ता याद रखेंजंगल में रास्ता भटकने से बचने के लिए मार्किंग करें.
बचाव दल से संपर्कआपातकाल में बचाव दल को संकेत देने की जानकारी रखें.
क्या न करें - Don'ts
खतरनाक जगह पर निर्माणभूस्खलन संभावित या ढलान वाले क्षेत्रों में घर बनाने से बचें.
घबराएं नहींआपदा के दौरान शांत रहें और सोच-समझकर काम लें.
ढीली चीजों को न छुएंभूस्खलन के बाद बिखरी ढीली मिट्टी, बिजली के तारों या खंभों को न छुएं.
ढलान के पास घर न बनाएंअत्यधिक ढलान या जल निकासी के रास्ते के पास निर्माण से बचें.
दूषित पानीनदियों या कुओं का दूषित पानी सीधे न पिएं.
जब तक जरूरी न हो या प्राथमिक उपचार न मिल जाए, घायल व्यक्ति को न हिलाएं.
इन बातों का ध्यान रखकर हम भूस्खलन के खतरे को कम कर सकते हैं और अपनी और अपनों की जान बचा सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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