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नवरात्रों में उम्मीद से कम रौनक, कटरा के व्यापारियों की चिंता बरकरार

श्राइन बोर्ड भी मान रहा है कि इस बार यात्रियों की संख्या में विशेष वृद्धि की संभावना नहीं है. बीते शनिवार तक रोजाना केवल तीन से चार हजार श्रद्धालु ही माता के दरबार पहुंच रहे थे. यदि संख्या 15 हजार को भी पार कर जाए, तो इसे सभी माता की विशेष कृपा ही मानेंगे.

नवरात्रों में उम्मीद से कम रौनक, कटरा के व्यापारियों की चिंता बरकरार
फाइल फोटो
  • जम्मू के कटरा में नवरात्रों के दौरान भूस्खलन और यात्रा बंदी के कारण व्यापारी और होटल व्यवसायी खुश नहीं
  • श्राइन बोर्ड के अनुसार इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में विशेष वृद्धि की संभावना नहीं है
  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रकों के फंसे रहने से जाम लगना आम समस्या बनी हुई है
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नई दिल्ली:

नवरात्रों की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इस बार जम्मू के कटरा के व्यापारी, होटल व्यवसायी और घोड़े-पिट्ठू उतने खुश नहीं दिख रहे हैं, जितना हर साल दिखते हैं. दरअसल, भूस्खलन में 35 श्रद्धालुओं की मौत और उसके बाद 23 दिनों तक यात्रा बंद रहने से हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं.

श्राइन बोर्ड भी मान रहा है कि इस बार यात्रियों की संख्या में विशेष वृद्धि की संभावना नहीं है. बीते शनिवार तक रोजाना केवल तीन से चार हजार श्रद्धालु ही माता के दरबार पहुंच रहे थे. यदि संख्या 15 हजार को भी पार कर जाए, तो इसे सभी माता की विशेष कृपा ही मानेंगे.

मौजूदा समय में सबसे बड़ी दिक़्क़त संपर्क मार्गों की है. जम्मू-कश्मीर को देश से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग बार-बार जाम की चपेट में आ रहा है. विजयपुर और सांबा के पास ट्रकों के फँसने से लगा जाम तीन दिन बाद ही हट पाया था. रेलवे विभाग भी केवल चार गाड़ियां ही चला पा रहा है, क्योंकि पंजाब के माधोपुर में चक्की बैंक का पुल अभी भी खतरनाक स्थिति में है.

व्यापारियों के लिए मौसम भी परेशानी का सबब बना हुआ है. एक बार यात्रा पुनः शुरू होने के बाद खराब मौसम के चलते इसे रोकना पड़ा था. हालांकि, अब श्राइन बोर्ड ने ‘यात्रा मित्र' तैनात किए हैं, जो मौसम बिगड़ने की स्थिति में श्रद्धालुओं की सहायता करेंगे, पर प्रकृति की मार से पूरी तरह बच पाना आसान नहीं.

कटरा रेलवे स्टेशन पर हाल के दिनों में भीड़ जरूर बढ़ी है, लेकिन यह भीड़ माता के भक्तों की नहीं, बल्कि कश्मीर जाने वाले यात्रियों की है. दरअसल, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद रहने के बाद रेलवे ने कश्मीर के लिए अधिक गाड़ियां चलानी शुरू की हैं, जिससे स्टेशन पर रौनक दिखाई दे रही है.

नवरात्रों का पावन पर्व श्रद्धा और उत्साह से भरा हुआ है, लेकिन कटड़ा के व्यापारी मानते हैं कि इस बार की रौनक और कमाई बीते वर्षों जैसी नहीं रह पाएगी.

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