कोरोनावायरस का लैम्ब्डा वेरिएंट संक्रमण के प्रसार के प्रमुख मामलों में से एक के रूप में उभर रहा है. मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह ब्रिटेन सहित अब तक 30 देशों में फैल चुका है. लैम्ब्डा वेरिएंट की पहचान सबसे पहले पेरू, दक्षिण अमेरिका में हुई थी. इसे 14 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 'वेरिएंट के एक प्रकार' के रूप में नामित किया था. यूके में अब तक लैम्ब्डा के 6 मामलों की पहचान की गई है, और सभी को विदेश यात्रा से लौटे थे. इस वेरिएंट का सबसे पहला मामला पेरू में रिपोर्ट किया गया था.
ट्रैकिंग कोरोनावायरस वेरिएंट | Tracking Coronavirus Variants
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, Sars-CoV-2 वायरस जो कोरोनावायरस बीमारी (Covid-19) का कारण बनता है, समय के साथ इसका रूप बदल गया है. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि इनमें से कुछ परिवर्तन वायरस के गुणों को प्रभावित करते हैं, जैसे कि यह कितनी आसानी से फैलता है, संबंधित रोग की गंभीरता, या टीकों और चिकित्सीय दवाओं की क्षमता.
डब्ल्यूएचओ ने Sars-CoV-2 के विकास की निगरानी और आकलन करने के लिए दुनिया भर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक नेटवर्क बनाया है. इसमें महत्वपूर्ण अमीनो एसिड रिप्लेसमेंट की पहचान की जाती है और देशों को उन परिवर्तनों के बारे में सूचित किया जाता है जो इसके प्रसार को रोकने के लिए जरूरी हो सकते हैं.
लैम्ब्डा वेरिएंट (Lambda Variant)
इस स्ट्रेन की पहचान सबसे पहले पेरू में पिछले साल दिसंबर में हुई थी. लैम्ब्डा दक्षिण अमेरिकी देश में कोविड-19 का प्रमुख प्रकार है, जिसमें 81 प्रतिशत मामले इस वेरिएंट के थे. लैम्ब्डा वेरिएंट आमतौर पर हाई ट्रांसमिशन इफिशिएंसी और एंटीबॉडी के रेजिस्टेंट से जुड़ा होता है, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इस तथ्य को मजबूती से स्थापित करने के लिए अधिक डेटा की जरूरत है.
टीकों के मामले में भी, पेरू में एक प्रारंभिक अध्ययन का दावा है कि लैम्ब्डा वेरिएंट से चीन द्वारा विकसित कोरोनावैक वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी से आसानी से बचा जा सकता है. हालांकि, अध्ययन की अभी समीक्षा की जानी बाकी है.
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