Health Benefits Of Jal Neti: नाक की सफाई (नेति) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग भारत में 5 हजार से अधिक सालों से शरीर को शुद्ध करने के लिए किया जाता है. इसमें एक खास तरीके के बर्तन का प्रयोग किया जाता है. जिसकी मदद से नाक में गुनगुना पानी डाला जाता है और इससे नाक की सफाई होती है. इतना ही नहीं इससे माइग्रेन से लेकर साइनस के दर्द को भी कम किया जा सकता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं जल नेति के बारे में और इसे करने के फायदे.
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क्या है जल नेति (What Is Jal Neti)
जल नेति का उपयोग हमारे श्वसन तंत्र को साफ करने और नासिका मार्ग से टॉक्सिन पदार्थों को निकालने के लिए किया जाता है. ये सदियों पुरानी तकनीकों में से एक है. जल नेति एक प्राकृतिक तकनीक है जिसका उपयोग सांस की बीमारियों जैसे- साइनस, माइग्रेन को रोकने और श्वसन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए किया जाता है. जब नियमित रूप से जल नेति किया जाता है तो यह आपके मन, शरीर और आत्मा को रिलेक्स करती है. इसके लिए एक विशेष पात्र का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक छोटे चायदानी जैसा दिखता है, इससे नाक में पानी डाला जाता है.
कैसे करें जल नेति (How To Do Jal Neti)
- जल नेति करने के लिए सबसे पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच समुद्री नमक या रॉक सॉल्ट को एक नेति बर्तन में घोलें.
- अब अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं और नेति पॉट की टोंटी को दाहिने नथुने में रखें. फिर अपने सिर को थोड़ा आगे की ओर झुकाएं और साथ ही सिर को बाईं ओर झुकाएं ताकि पानी बाएं नथुने से बाहर निकल सके.
- इसी तरह से नाक के दोनों नथुनों में इस प्रक्रिया को दोहराए. इस दौरान सांस मुंह से लेते रहे.
- जल नेति को पूरा करने के लिए हर नथुने से सांस को 3 से 5 बार और जोर से बाहर निकालें, जबकि दूसरे नथुने को बंद रखें. कान में पानी जाने से रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया के दौरान मुंह खुला रखें.
जल नेति के फायदे (Benefits Of Jal Neti)
- सिर दर्द से राहत
- माइग्रेन का दर्द कम करें
- आंखों की रोशनी बढ़ाए
- सर्दी और साइनस से बचाव
- पराग एलर्जी से राहत
- तंत्रिका तंत्र को शांत करना
- तनाव से राहत
ध्यान रखने योग्य बातें:
- जल नेति करने के बाद यह सुनिश्चित करें कि आपके नाक के नथुनों में पानी ना बचा रहे, क्योंकि इससे सर्दी हो सकती है.
- अगर आप पहली बार जल नेति कर रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट की मौजूदगी में करें.
- जल नेति को करने के बाद नाक को सुखाने के लिए कपालभाति कर सकते हैं. यह काफी फायदेमंद होता है.
- सबसे जरूरी बात की जल नेति को करने के बाद कभी भी लेटना या सोना नहीं चाहिए, इससे नाक से होते हुए पानी फेफड़ों तक पहुंच सकता है.
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