How Common Is Painful Sex?: अपने देश में सेक्स एजुकेशन की कमी की वजह से महिलाओं और पुरुषों के मन और निजी जीवन के कई सवाल अनसुलझे रह जाते हैं. सेक्स एजुकेशन की जरूरत के लिए जागरूकता बढ़ाने वाले डॉक्टर्स को कई बार हैरत होती है कि लोग यौन जीवन के आम सवालों पर भी चुप रह जाते हैं या आधी-अधूरी जानकारी हासिल कर अपना और अपने पार्टनर का नुकसान कर बैठते हैं. शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द होना और ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना भी ऐसा ही एक पेचीदा सवाल है. आइए इसके बारे में एक्सपर्ट डॉक्टर से सटीक फैक्ट्स जानते हैं.
सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर निधि झा ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में बताया कि यौन संबंध बनाने के दौरान महिलाओं को दर्द को स्वाभाविक माना जाना एक मिथ है, क्योंकि लोग एक तरफ यह दलील देते हैं कि प्री-मैरिटल सेक्स बढ़ने का सबसे बड़ा कारण प्लेजर है तो दूसरी ओर सेक्स के दौरान दर्द को नार्मल कैसे माना जा सकता है. इसलिए कही-सुनी बातों पर यकीन नहीं करना चाहिए.
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शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द होना कितना कॉमन?
डॉक्टर झा ने आगे कहा कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द होना सामान्य नहीं है. उन्होंने अपने मरीजों का जिक्र करते हुए कहा कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान महिलाओं को ज्यादा दर्द होना कई बार शादी को भी कारगर नहीं होने देता. इसलिए संबंध बनाने के दौरान किसी भी तरह का दर्द हो तो फौरन अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर इसका कारण पता कर सही इलाज कर सकते हैं. इलाज के जरिए शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द की दिक्कत को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.
कब जरूरी होता है ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल? (When Is It Necessary To Use Lubricant During Sex?)
डॉक्टर निधि झा ने बताया कि शारीरिक संबंधों को दौरान अगर महिलाएं पूरी तरह तैयार हो तो ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करने की कोई जरूरत नहीं होती. हालांकि, पुरुषों में भी इरेक्शन के बाद प्री-कम जैसे बदलाव के कारण ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करने का कोई मतलब नहीं होता, लेकिन यौन संबंध दो पार्टनर के बीच का मामला है इसलिए दोनों का सेहतमंद और सक्रिय होना बेहद जरूरी होता है.
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अगर महिला और पुरुष दोनों हेल्दी हैं तो ल्यूब्रिकेंट की जरूरत नहीं?
डॉक्टर झा ने कहा कि पुरुषों के यौन जीवन में आमतौर पर इरेक्टाइल और इजेक्युलेशन से जुड़े डिस्फंक्शन होते हैं. अगर ये दोनों दिक्कत नहीं है तो पुरुष हेल्दी और सेफ सेक्स प्रैक्टिस कर सकता है. वहीं महिलाओं में ल्यूब्रिकेशन की बात करें तो हेल्थ ठीक रहने पर फोरप्ले सही से हुआ हो तो ड्राइनेस नहीं आती. वैसे भी यंग एज में ड्राइनेस की समस्या या ल्यूब्रिकेशन की जरूरत नहीं होती, उन्होंने कहा कि अगर ड्राइनेस की समस्या दिखे तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
महिलाओं को इन वजहों से पड़ती है ल्यूब्रिकेशन की जरूरत
डॉक्टर निधि झा ने बताया कि महिलाओं में इंफेक्शन, मेनोपॉज या डिलीवरी की जटिलताओं के कारण ड्राइनेस दिक्कत आ सकती है. इन परिस्थितियों में कभी-कभार ल्यूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल करना पड़ सकता है. हालांकि, डॉक्टर के पास जाना फिर भी जरूरी है, क्योंकि ड्राइनेस के सही कारण का पता कर उसका इलाज करवाना बेहद जरूरी होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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